मुंबई: भारत के तीसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक, एक्सिस बैंक ने आज जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज लॉन्च किया। यह वैकल्पिक कार्य मॉडल्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है, जो भारी लचीलेपन, विविधता और समावेशन को बढ़ावा देता है।
भौतिक सीमाओं को समाप्त करने में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, इस महामारी के मद्देनजर सभी भौतिक अवरोधों से बाहर अपना स्वयं का कार्य परिवेश बनाने के प्रति लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ा है। पिछले कुछ महीनों में कार्य और कार्य परिवेश दोनों के ही स्वरूप में बाध्यतापूर्ण बदलाव हुए हैं। एक्सिस बैंक का ‘जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज’ ऐसा एकीकृत वर्क मॉडल एवं समाधान है जो नई प्रतिभाओं के बढ़ते पूल के लिए लचीलेपन एवं सरलता की आवश्यकता पूरी करते हुए बड़ी कंपनियों की विविधतापूर्ण कौशल आवश्यकताएं पूरी करता है।
जैसा कि ‘जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज’ के नाम से पता चलता है, यह रोजगार बाजार में बड़े अवसरों के लिए है। इससे डिजिटल बैंकिंग, टेक्नोलॉजी, रिस्क मॉडलिंग, वर्चुअल सेल्स, ऑडिट एवं क्रेडिट पॉलिसी में बड़ी संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, जो कि इस मॉडल के पायलट ऑफर्स का पहला सेट है। इसमें दो वर्क मॉडल्स – 1) 100 प्रतिशत वर्चुअल रोल्स और 2) लचीले, प्रोजेक्ट-आधारित अल्पकालिक संविदाओं के जरिए प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा। पेशकश किये गये ये रोजगार, फ्रीलांस या वर्क फ्रॉम होम के परंपरागत एसोसिएशन से परे है।
इस पहल के बारे में, एक्सिस बैंक फाउंडेशन के चेयरमैन और टिस के चेयरमैन, एस. रामोदरई ने कहा, ”जीआईजी-ए-ऑपर्च्यूनिटीज एक विशाल मंच है जो स्पष्ट रूप से फ्यूचर ऑफ वर्क की दिशा है। एक्सिस बैंक की यह पहल अत्यंत स्वागत योग्य है। घर से काम करने और व्यक्ति की क्षमताओं को परिभाषित करने की छूट का विकल्प लिंग संतुलन व समावेशीपन सहित भविष्य के लिए छिपी अथाह प्रतिभा को सामने लायेगा।”
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