महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू हुआ “निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला”

लखनऊ:
गो कैंपेन (अमेरिकी संस्था) के सहयोग से और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में, शेरवुड कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, सेक्टर 25, इंदिरा नगर, लखनऊ में “निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला” (Self Defence Training Workshop) का संचालन किया गया l कार्यशाला में प्रशिक्षित व कुशल प्रशिक्षकों द्वारा करीब 70 छात्राओं को आत्म रक्षा के गुर सिखाये गए I “निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला” (Self Defence Training Workshop) का शुभारम्भ राष्ट्रगान से हुआ तथा दीप प्रज्ज्वलित हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी श्रीमती (डॉ०) रूपल अग्रवाल, डॉ सत्या सिंह व सुश्री लक्ष्मी विश्वकर्मा ने किया गया l

इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी श्रीमती डॉ० रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “आज हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसमें आत्मरक्षा विशेष रूप से लड़कियों / महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है । लड़कियों / महिलाओं को आम तौर पर समाज में आनंद की वस्तु के रूप में देखा जाता है और उन्हें आसानी से निशाना बनाया जाता है । देश में लैंगिक हिंसा से संबंधित मामलों में अधिकांश पीड़ित लड़कियां / महिलाएं इस प्रकार की हिंसा के खिलाफ रिपोर्ट नहीं करती हैं, ऐसे में लड़कियों / महिलाओं के लिए आत्मरक्षा अधिक आवश्यक है । लड़कियों / महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे आम रूप बलात्कार, छेड़छाड़, अपहरण और हत्या हैं । एसिड अटैक और छेड़छाड़ से भी समाज में लड़कियां असुरक्षित महसूस करती हैं । वर्तमान समय में लोगों की मानसिकता ऐसी हो गई है कि वे किसी पीड़ित के साथ हो रही हिंसा को नजरअंदाज कर बिना प्रतिक्रिया दिए चले जाते हैं । लड़कियों / महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की ये छोटी-छोटी घटनाएं दूसरे बड़े अपराधों का रूप ले सकती हैं और उन्हें तभी रोका जा सकता है जब महिलाएं खुद आत्मरक्षा की तकनीक सीख लें । आत्मरक्षा प्रशिक्षण एक जीवन कौशल है जो किसी को अपने परिवेश के बारे में अधिक जागरूक होने और किसी भी क्षण अप्रत्याशित घटना होने पर तैयार रहने में मदद करता है । आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से, लड़कियों को मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से इतना मजबूत बनाना सिखाया जाता है कि वे संकट के समय अपनी रक्षा कर सकें क्योंकि: “हमला आत्मरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है” I इसी क्रम में आज इस निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है और मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हमारे कुशल प्रशिक्षकों द्वारा दिए जा रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण से आप सभी निश्चय ही लाभान्वित होंगी अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकेगी |”

कार्यशाला में डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि, “आज हमारे समाज में महिलाओं व बालिकाओं की स्थिति अत्यंत शोचनीय है ! आज का युवा वर्ग अपना कैरियर व स्टेटस बनाने के लिए किसी भी हद तक जा रहा है जो कि सही नहीं है I आज के युवा वर्ग में सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ता जा रहा है जिससे कि यौन अपराध व छेड़छाड़ की घटनाएं मूर्त रूप ले रही है I बच्चे अपनी समस्याएं अपने माता पिता को ना बताकर अनजान लोगों से साझा कर रहे हैं जो उन्हें गलत राह पर ले जा रहा है I मेरा यह मानना हैं कि हर माता पिता को अपने बच्चे का दोस्त बनकर रहना चाहिए जिससे बच्चे अपनी हर बात उनसे साझा करें और समाज मे अपराध कम हो सके I”

निःशस्त्र आत्मरक्षा कला प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतर्गत विभिन्न आत्मरक्षा तकनीकों और कलाओं का प्रशिक्षण दिया गया, जो बिना हथियार के खुद को सुरक्षित रखने के लिए उपयोगी हैं । प्रशिक्षण में शारीरिक, मानसिक और तार्किक तरीकों से आत्मरक्षा की कलाएं सिखाई गई | इसमें आपातकाल में स्वयं को बचाने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग सिखाया गया, जैसे कि शारीरिक संघटना, अंतर्दृष्टि, संतुलन, ताकत और न्यायसंगत विचार शक्ति का विकास करना ।

कार्यशाला में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, शेरवुड कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के उप प्राचार्य श्री करणवीर सिंह, शिक्षिकाओं डॉ प्रतिभा यादव, श्रीमती गरिमा चौधरी, श्रीमती मनीषा श्रीवास्तव, श्रीमती मधु सिंह, तान्या देवगन, शिखा सिंह, रेड ब्रिगेड लखनऊ से लक्ष्मी विश्वकर्मा, पूजा विश्वकर्मा, ललित कुमार, दीपक विश्वकर्मा, अन्नू तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |