टीम इंस्टेंटखबर
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपने बयानों से सरकार और पार्टी को लगातार मुसीबतों में डाले हुए हैं , अपने ताज़ा बयान ‘बम’ में उन्होंने कई बड़े आरोप लगाए हैं जो गोवा सरकार के भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोवा सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से मुझे हटा दिया गया।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक का कहना है कि गोवा में बहुत भ्रष्टाचार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए। सत्यपाल मलिक गोवा के राज्यपाल भी रहे हैं।

एक टीवी चैनल से बातचीत में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘गोवा में बीजेपी सरकार कोविड से ठीक तरह से नहीं निपट पाई और मैं अपने इस बयान पर कायम हूं। गोवा सरकार ने जो कुछ भी किया, उसमें भ्रष्टाचार था। गोवा सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से मुझे हटा दिया गया। मैं लोहियावादी हूं, मैंने चरण सिंह के साथ वक्त बिताया है। मैं भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकता।’

उन्होंने कहा, ‘गोवा सरकार की घर-घर राशन बांटने की योजना अव्यवहारिक थी। ये एक कंपनी के कहने पर किया गया था, जिसने सरकार को पैसे दिए थे। मुझसे कांग्रेस मुझसे कांग्रेस समेत कई लोगों ने जांच करने को कहा था। मैंने मामले की जांच की और प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी।’

मलिक ने कहा, ‘वो नहीं मानेंगे कि गलती उनकी थी। एयरपोर्ट के पास एक इलाका है जहां खनन के लिए ट्रकों का इस्तेमाल होता है। मैंने कोविड को देखते हुए सरकार से इसे रोकने को कहा था, लेकिन सरकार ने नहीं माना और बाद में ये कोविड का हॉटस्पॉट बन गया।’ उन्होंने कहा कि आज देश में लोग सच बोलने से डरते हैं।

सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि वो सिर्फ वही बोलते हैं जो उन्हें लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा राज्यभवन को ढहाकर नया भवन बनाना चाहती थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि ये तब प्रस्तावित किया गया था, जब सरकार वित्तीय दबाव में थी।