स्पोर्ट्स डेस्क
देश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी को अब एक नया चैम्पियन मिल गया है. मध्य प्रदेश की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी 2021-22 का खिताब अपने नाम कर लिया है.

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने 41 बार की रणजी चैम्पियन मुंबई को छह विकेट से मात दी. इससे पहले मध्य प्रदेश की टीम 1999 में चंद्रकात पंडित की कप्तानी में फाइनल तक पहुंची थी, जहां उसे कर्नाटक ने 96 रनों से हरा दिया था. वही चंद्रकात पंडित इस समय मध्य प्रदेश टीम के हेड कोच हैं.

पांचवें दिन के शुरुआती सत्र में ही मुंबई की टीम दूसरी पारी 269 रनों पर सिमट गई. मुंबई के लिए दूसरी पारी में सुवेद पारकर ने सबसे ज्यादा 51 रनों का योगदान दिया. वहीं टीम के लिए सरफराज ने 45 और कप्तान पृथ्वी शॉ ने 44 रनों की पारी खेली. एमपी की ओर से कुमार कार्तिकेय ने सबसे ज्यादा चार विकेट चटकाए.

108 रनों के टारगेट को एमपी ने आसानी से हासिल कर लिया. एमपी के लिए दूसरी पारी में हिमांशु मंत्री ने सबसे ज्यादा 37 रनों का योगदान दिया. वहीं शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने 30-30 रनों की पारियां खेली.

इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई ने पहली पारी में 374 रन बनाए थे. सरफराज खान ने शानदार बैटिंग करते हुए 134 रनों की पारी खेली. इसके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 78 और पृथ्वी शॉ ने 47 रनों का योगदान दिया. एमपी की ओर से गौरव यादव ने चार और अनुभव अग्रवाल ने तीन सफलताएं प्राप्त कीं. 374 रनों के जवाब में मध्य प्रदेश की पहली पारी 536 रनों पर ढेर हो गई थी. टीम इस शानदार प्रदर्शन में रजत पाटीदार, शुभम शर्मा और यश दुबे का शानदार योगदान रहा, जिन्होंने शतकीय पारियां खेलीं. रजत पाटीदार ने 122 रनों की शानदार पारी खेली, जिसमें 20 चौके शामिल रहे. वहीं यश दुबे ने 133 और शुभम शर्मा ने 116 रनोंं की पारियां खेलीं. मुंबई के लिए शम्स मुलानी ने सबसे ज्यादा पांच विकेट चटकाए थे.