टीम इंस्टेंटखबर
काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर तालिबान के क़ब्ज़े के बाद, सोमवार को काबुल की सड़कों पर दहशत और अफ़रा-तफ़री का माहौल देखा जा सकता है। पश्चिमी देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों का एक जन सैलाब है।
इस बीच, अल-जज़ीरा से तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के एक प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कहा है कि उनका गुट दुनिया में अलग-थलग नहीं रहना चाहता है और अफ़ग़ानिस्तान में सरकार के गठन की प्रक्रिया का जल्द ही एलान किया जाएगा।
नईम का कहना था कि ख़ुदा का शुक्र है, युद्ध समाप्त हो गया है। अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने एक वीडियो फ़ेसबुक पर जारी करते हुए अपने प्रशंसकों से कहा है कि वे काबुल में ही रहेंगे।
अफ़ग़ानिस्तान को लेकर चौतरफ़ा आलोचनाओं से घिरे अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस्तीफ़े की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो अमरीका का वहां से निकलना कुछ अलग अंदाज़ में होता।
वहीं, बाइडन प्रशासन ने उन पर जवाबी हमला करते हुए कहा है कि अमरीका-तालिबान सौदेबाज़ी ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में ही हुई थी।
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