पटना: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले के बीच आज (रविवार) को अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के चुनाव का बिगुल बजा दिया है। अमित शाह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब इसी बिहार से उठी आंदोलन की आवाज ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया था।

अमित शाह ने कहा कि ‘इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है| भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है. कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते| उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है| ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है|

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि राजद ने देर से ही सही लेकिन थाली बजाकर पीएम नरेंद्र मोदी की बात मान ली है। उन्होंने कहा कि ये चुनावी रैली नहीं है, यह रैली देश के करोड़ों लोगों को कोरोना संक्रमण के खिलाफ की लड़ाई से जोड़ने की रैली है। जो लोग इसका विरोध करते हैं वह सभी लोग वक्रद्रष्टा लोग हैं। उन्होंने कि भाजपा अध्यक्ष ने 75 वर्चुअल रैली का आयोजन किया है। इसके माध्यम से देश के अलग-अलग हिस्सा से जुड़ने का प्रयास किया जाएगा।

गृह मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है|

अमित शाह ने कहा कि जब मोदी जी ने पहली बार संसद के अंदर कहा कि मेरी सरकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के लिए काम करेगी तब कुछ लोगों ने इंदिरा गांधी जी को क्वोट करके कहा था कि इंदिरा जी भी गरीबी हटाओं की बात करती थीं, इंदिरा जी चली गई और गरीबी वहीं की वहीं रह गई| तब उनको मालूम नहीं था कि भाजपा नेता नरेंद्र मोदी जी के बोले हुए वचन हैं, वो जो बोलते हैं, वो करते हैं|

अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता के सामने जब भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली को पहले भी वोटों से भरा है, आगे भी भरेगा। उन्होंने कहा कि 2014 और 2019 में एनडीए को जनादेश देकर सरकार बनाने में योगदान के लिए बिहार की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूं।