नई दिल्ली: लगता है कि पंजाब में पिछले कई महीनों से कांग्रेस पार्टी में मची कलह का अब समापन होने वाला है.मीडिया में गश्त कर रही ख़बरों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने पर राजी हो गए हैं मगर उन्होंने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं, साथ ही यह भी कहा है कि जबतक नवजोत सिद्धू माफ़ी नहीं मांगते वह उनसे मुलाकात नहीं करेंगे.

बता दें कि कांग्रेस से पंजाब प्रभारी हरीश रावत शनिवार को कैप्टन अमरिंद्र सिंह से मिलने चंडीगढ़ गए थे, इसके बाद ही मुख्यंत्री पार्टी के इस प्रस्ताव पर राजी हुई हैं. ख़बरों के अनुसार पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को स्वीकार करने के लिए कैप्टन तैयार हो गए. हालांकि, कैप्टन सिंह ने यह भी कहा कि महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय उन्हें पार्टी नेतृत्व द्वारा शामिल किया जाना चाहिए.

अमरिंदर ने कहा है कि सिद्धू की नियुक्ति को अगले साल के चुनावों में पार्टी को सत्ता में वापस लाने में मदद करने के उनकी कोशिशों के पूरक होना चाहिए. साथ ही अमरिंदर सिंह ने यह भी मांग की कि उन्हें अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करने और सिद्धू के अधीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति में पूरी छूट दी जाए.

ख़बरों के मुताबिक, फॉर्मूले में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू की पदोन्नति और कैप्टन सिंह द्वारा चुने जाने वाले तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति शामिल है. मंत्रिमंडल का भी विस्तार किया जाएगा और हिंदुओं और दलितों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही यह भी कहा है कि जब तक सिद्धू अपने ट्वीट के लिए मांफी नहीं मांग लेते, तब तक वे सिद्धू से कोई मुलाकात नहीं करेंगे.