लखनऊ :
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन आज गोमतीनगर, लखनऊ स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपी एनआईसी) में स्थापित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने से रोके जाने की भाजपा सरकार की साजिश को ठुकराते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गेट लांघकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं आपातकाल के विरोध में सम्पूर्णक्रांति के नायक श्री जयप्रकाश नारायण को श्रद्धासुमन अर्पित करने जाना पड़ा।

इस अवसर पर मौजूद हजारों युवाओं, अधिवक्ताओं तथा अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं ने जयप्रकाश नारायण अमर रहे और अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगाएं जिससे पूरा वातावरण गूंज गया। समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठनों के राष्ट्रीय व प्रदेश अध्यक्षों के साथ नगर निगम के पार्षद, प्रदेशीय पदाधिकारी, पूर्व व वर्तमान विधायक, पूर्व सांसद, जिला एवं महानगर अध्यक्ष भी प्रदर्शन में शामिल रहे।

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जेपी जी की जयंती पर उनके नाम पर समाजवादी सरकार में बने स्मारक में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम था। समाजवादी पार्टी द्वारा इस सम्बंध में प्रशासन को सूचित कर दिया गया था। लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर माल्यार्पण की अनुमति रद्द करने के साथ जेपी एनआईसी में ताला बंद कर दिया गया और उसको टीन शेड से ढंग दिया गया। जेपी एनआईसी सेंटर के पास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए सुबह से ही हजारों की संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जेपीएनआईसी के गेट पर पहुंच गए। माल्यार्पण के लिए श्री अखिलेश यादव समाजवादी लोक जागरण अभियान रथ से जेपीएनआईसी गेट पहुंचे। अखिलेश यादव के पहुंचते ही जोश से लबरेज सपाई नारेबाजी करने लगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी रथ से उतरकर गेट की तरफ बढ़े और गेट लांघकर अंदर जाकर लोक नायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। दुःखद बात तो यह थी कि जयप्रकाश की प्रतिमा को काले कपड़े से ढंककर बांध रखा था। श्री यादव ने उसे हटाकर माल्यार्पण किया। स्मारक जगह-जगह टूटा-फूटा था और अंधेरा था।

इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में नेताजी मुलायम सिंह यादव द्वारा जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल केन्द्र का उद्घाटन किया था। समाजवादी लोग सम्पूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती मनाते हैं। पहले की तरह इस बार भी हम लोग आये थे, लेकिन पता नहीं क्यों सरकार ने टीन शेड के साथ ताला लगाकर गेट बंद कर दिया। समाजवादी लोग चाहते है कि देश जयप्रकाश जी के संघर्ष को जाने।

इस अवसर पर एकत्र लोगों का कहना था कि भाजपा सरकार द्वारा आज जेपी एनआईसी में लोकनायक जयप्रकाश की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव को रोकना अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। यह स्वयं उन भाजपा नेताओं का भी अपमान है जो जेपी जी के नेतृत्व में इमरजेंसी का विरोध करते हुए जेल गए थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि देश में परिवर्तन की जरूरत है। जनता को भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। जनता की ताकत से ही लोकतंत्र, समाजवाद और संविधान बचेगा। भाजपा बाबा साहब के संविधान को बदलना चाहती है। लोगों की आवाज दबाकर आजादी छीन रही है। जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया था। जब उस समय देश में चरम सीमा पर महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी थी। जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर जनता एकजुट हो गयी। आपातकाल लगा। उनके साथ बहुत बड़ी संख्या में नेता और जनता जेल गए। कई लोग कई वर्षों जेल में रहे। उनका संदेश था कि संपूर्णक्रांति के बगैर कुछ नहीं हो सकता है। भाजपा के लोग ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी को भी याद करने देने में रोड़ा बने हुए है।

श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपयों से बना विश्वस्तरीय स्मारक बर्बाद कर दिया। करोड़ों की मशीने खराब हो रही है। सरकार टीन लगाकार क्या छिपाना चाहती है? उन्होंनेे कहा कि लोकतंत्र में जनता की शक्ति सबसे बड़ी है। जनता की ताकत के आगे सरकार की शक्ति नहीं बचेगी। इस बात का दुःख है कि सरकार ने पुलिस लगाकर लोकतंत्र के महानायक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोका। भाजपा सरकार संविधान और लोकतंत्र को खत्म कर रही है। इस म्यूजियम में जयप्रकाश नारायण के जीवन, संघर्ष की गाथा है। लोग उनके जीवन से प्रेरणा लेंगे। जेपीएनआईसी में हुए नुकसान की जिम्मेदार सरकार है।

अखिलेश यादव ने कहा कि अधिकारी जेपीएनआईसी में हुए नुकसान और बर्बादी को छिपाना चाहते हैं। हमने अंदर जाकर देखा करोड़ों रुपए का सामान बर्बाद हो गया। उन्होंने कहा कि यह जो लड़ाई आज शुरु हुई है, यह लम्बी चलेगी।