तौक़ीर सिद्दीकी
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ होती जा रही है. कल ही भाषा की मर्यादा ताक पर रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने एकबार फिर “अब्बाजान” के हवाले से अखिलेश पर निशाना साधा था. अब अखिलेश यादव योगी का नाम न लेते हुए उनपर पलटवार किया है.

अखिलेश ने योगी के कटाक्ष का कटीला जवाब देते हुए कहा कि जिनसे हार का डर होता है लोग अक्सर बदहवासी में उनका नाम लेते रहते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जिनको उप्र में डॉमिसायल देखे बिना लादा गया था, जनता उस बोझ को हटा देगी। हो सकता है कल ही दिल्ली वाले इनकी बर्ख़ास्तगी या बदली की ख़बर लेकर आ जाएं। देखना ये है कि इन्हें पहले कौन हटाता है, इनके अपने या जनता।

वहीँ समाजवादी पार्टी की और से जारी बयान में कहा गया है कि अपने पूरे कार्यकाल में भाजपा सरकार राज्य का सत्यानाश करने के बाद भी बाज नहीं आ रही है। वह कुप्रचार के जरिए लोकतंत्र को गुमराह करने का महापाप कर रही है। भाजपा ने किसानों के साथ छल किया है। उन्हें कर्जमाफी, एमएसपी भुगतान, आय दुगनी करने के तमाम झांसे दिए पर उसे मिला कुछ नहीं। नौजवानों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया है। महिलाएं एवं बच्चियां सर्वाधिक अपमानित एवं दुष्कर्म पीड़िता है। विकास अवरुद्ध है।

बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के झूठे वादों की लम्बी फेहरिस्त है। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कोरोना महामारी के दौर में अस्पतालों में बेड, दवा, इलाज के अभाव में लोगों की जाने चली गई। शिक्षा के क्षेत्र में भर्तियों को लेकर काफी असंतोष है। राज्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। झूठे दावे तो अब भाजपा में किसी को याद भी नहीं आते हैं।

अखिलेश ने आगे कहा कि डबल इंजन भाजपा सरकार अपराधियों के आगे पूरी तरह बेबस हो चुकी है। प्रदेश में जंगलराज कायम है। राज्य में कानून व्यवस्था संकट में है। बिजनौर में राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी की दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या, विचलित करने वाली घटना है। रेप के बाद रेलवे ट्रैक पर उसकी लाश फेंकी गई।

भाजपा सरकार बच्चों को खाना देने के बजाय बीमारियां परोस रही है। मुरादाबाद में मिड-डे मील में निकले कीड़े बच्चों ने खाना फेंका। सीतापुर में कागजों पर बच्चों को मिल रहा है मिड-डे मील। सुल्तानपुर में अव्यवस्था और गंदगी के बीच बच्चों का खाना पकता है।

अखिलेश ने कहा कि जनता ने सन् 2022 के चुनाव में भाजपा को विदाई का मन बना लिया है। भाजपा नेताओं और विधायकों का चारों ओर जनता लगातार विरोध कर रही है। गोरखपुर में सांसद और सहजनवां में भाजपा विधायक का बाढ़ पीड़ितों ने विरोध किया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान भाजपा विधायकों का बहिश्कार कर रहे हैं। भाजपा सरकार की गिरती साख को देखते हुए कई विधायक तो अब दूसरे रास्ते भी तलाशने लगे हैं। जनसाधारण का भरोसा अब समाजवादी पार्टी पर ही है। जनता को भरोसा है कि अगली 2022 की सरकार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की ही बनना तय है।