कोरोना वायरस महामारी के बीच कंपनियों द्वारा छंटनियों का सिलसिला जारी है। विमान बनाने वाली वैश्विक कंपनी बोइंग 12,000 से अधिक लोगों की छंटनी कर रही है। कोविड-19 संकट की वजह से यात्रा प्रतिबंधों के चलते विमानन उद्योग को सबसे बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस के चलते कई देशों में इंटरनेशनल फ्लाइट्स अब भी बैन है।

बोइंग कंपनी आगे और लोगों को भी नौकरी से निकाल सकती है। अमेरिका की सबसे बड़ी विनिर्माता कंपनी इस हफ्ते 6,770 अमेरिकी कर्मचारियों को निकालेगी। इसके अलावा 5,520 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना है। इसके अलावा कंपनी ने 2500 लोगों को अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया है।

पिछले महीने छंटनी का कार्यक्रम पेश करते हुए बोइंग के मुख्य कार्यकारी डेविड कलहाउन ने कहा था कि महामारी की वजह से उद्योग के समक्ष आए संकट के मद्देनजर यह जरूरी था। कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट के पहले ही 737 मैक्स संकट के कारण बोइंग की वित्तीय सेहत काफी खराब थी। दो बड़ी दुर्घटनाओं के बाद 737 मैक्स विमान एक साल से भी अधिक समय जमीन पर खड़े हैं। कोविड-19 के बाद बोइंग की स्थिति और खराब हो गई है। इसके चलते ज्यादातर वाणिज्यिक एयरलाइनों की उड़ानें बंद हैं।

पिछले महीने बोइंग कंपनी तो तब बड़ा झटका है जब किराये पर विमान उपलब्ध कराने वाली आयरलैंड की कंपनी एवोलॉन ने 75 बोइंग 737 मैक्स विमानों का ऑर्डर रद्द कर दिया। कोरोना वायरस संकट के चलते विमान यात्राएं घटने के मद्देनजर कंपनी ने यह निर्णय किया है। बोइंग को इन विमानों की आपूर्ति 2020 से 2023 के बीच में करनी थी। एवोलॉन ने 2024 तक खरीद किए जाने वाले 16 अन्य 737 मैक्स विमानों की डिलिवरी से भी हाथ पीछे खींच लिए। इसके अलावा बोइंग को जनवरी में एक भी नये विमान का ठेका नहीं मिला है।

कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए विभिन्न देशों ने यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं। इससे विमान उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर विमानन कंपनियों की आय में 2020 में 252 अरब डॉलर की गिरावट आएगी।