लखनऊः
उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी में प्रत्याशी बदलने का सिलसिला जारी है. गुरुवार को मेरठ सीट से घोषित गए पार्टी के उम्मीदवार भानु प्रताप सिंह का टिकट काटने का फैसला लिया है. अब शुक्रवार को इस सीट से नए प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया जाएगा. मेरठ में दूसरे चरण में मतदान होना है. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से नब्बे के दशक में टेलीविज़न के सबसे चर्चित धारावाहिक रामायण में भगवान राम बने अरुण गोविल को चुनाव मैदान में उतारा है. अरुण गोविल के मुक़ाबले कमजोर दिख रहे भानु प्रताप सिंह के स्थान पर मुस्लिम प्रत्याशी को खड़ा किए जाने का आग्रह मेरठ के सपा नेताओं ने किया था. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं के इस सुझाव को मानते हुए गुरुवार को इस संबंध में पार्टी नेताओं से विचार विमर्श करने के बाद भानु प्रताप का टिकट काटे जाने पर अपनी रजामंदी जता दी है.

फिलहाल मेरठ सीट से सपा का प्रत्याशी बदले जाने को लेकर अब फिर से सूबे में अखिलेश यादव के फैसलों को लेकर चर्चा होने लगी है. कहा जा रही है कि पार्टी नेताओं के दबाव में अखिलेश यादव अपने फैसले बदल रहे हैं और पार्टी में नेताओं के टिकट काटे जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है. इस वजह से अब पार्टी में खेमेबाजी उभर कर सामने आने लगी है.

यह दावा करने वाले पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी में महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशी तय करने में ऊहापोह की स्थिति खत्म नहीं हो रही है. पहले धर्मेंद्र यादव को लेकर ऊहापोह की स्थिति रही फिर शिवपाल यादव को लेकर. रामपुर और मुरादाबाद को लेकर आजम खां की पैंतरेबाजी के चलते ही अखिलेश यादव ने अपना फैसला बदला.

यही नहीं मिश्रिख सीट से पहले रामपाल राजवंशी को टिकट दिया गया. उसके बाद में उन्होंने अपने बजाए बेटे मनोज राजवंशी के लिए टिकट मांगा तो वह मंजूर हो गया. फिर मनोज राजवंशी के कहने पर उनकी पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दे दिया गया. संभल से पहले वहां के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट दिया गया.

लेकिन उनके निधन के बाद कई दावेदार आ गए तो पर उनके पौत्र व मुरादाबाद से विधायक जियाउर्रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाया गया. गौतमबुद्धनगर से पहले महेंद्र नागर को टिकट दिया गया, इसके बाद वहां से नए प्रत्याशी राहुल अवाना सामने आ गए. बिजनौर से यशवीर सिंह प्रत्याशी बनाए गए, उसके बाद दीपक सैनी को टिकट दे दिया गया.

फिलहाल पार्टी प्रत्याशियों के टिकट बदलने से लेकर मुरादाबाद सीट से पूर्व विधायक रुचि वीरा का नामांकन कराने तक पार्टी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले और अखिलेश यादव की इमेज पर इसका प्रभाव पड़ा है. ऐसे में गुरुवार को मेरठ से आए पार्टी नेताओं के साथ भानु प्रताप सिंह के टिकट को काटने का फैसला लेने के बाद अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं से यह कहा कि अब से जिसे भी प्रत्याशी घोषित किया जाए उसे जिताने में जुटा जाए और प्रत्याशी बदलने की मांग ना की जाए.

मेरठ सीट से पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के आधा दर्जन मौजूदा विधायक और अन्य नेता ने अपनी दावेदार गुरुवार को अखिलेश के सामने पेश की है. अब देर रात अखिलेश इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का चयन कर उसके नाम का ऐलान करेंगे.