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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व किसी एक व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है, खासकर जब पार्टी पिछले 10 वर्षों में 90 फीसदी से अधिक चुनाव हार गई हो.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘एक मजबूत विपक्ष के लिए कांग्रेस जिस विचार और जगह का प्रतिनिधित्व करती है, वह महत्वपूर्ण है. लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी एक व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है, खासकर तब, जब पार्टी पिछले 10 साल में 90 फीसदी से अधिक चुनाव हार गई हो. विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने दें.’

प्रशांत किशोर को लेकर कुछ महीने पहले ऐसी अफवाह थी कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि अब उन्होंने मजबूत विपक्ष की अगुवाई को लेकर कांग्रेस की कथित दावेदारी पर ही सवाल उठाया है. प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी की टीएमसी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. वहीं लखीमपुर खीरी की घटना पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस घटना पर रातों-रात जमीन हासिल करने का प्रयास कर रही है. बता दें लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की गाड़ी को किसानों पर चढ़ा दिया गया था.

इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘जो लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि लखीमपुर खीरी की घटना से ग्रैंड ओल्ड पार्टी (जीओपी) यानी कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष त्वरित वापसी करेगा, उन्हें निराशा हाथ लगेगी. दुर्भाग्य से जीओपी की गहरी जड़ें और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है.’