राज्य संसाधन केंद्र द्वारा 43 शिक्षक हुए प्रशिक्षित

स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन (SHEF) ने राज्य संसाधन केंद्र, उत्तर प्रदेश के सहयोग से ज्ञानसेतु कार्यक्रम के अंतर्गत 3 दिवसीय प्रौढ़ साक्षरता शिक्षक प्रशिक्षण की शुरुआत की। इस 3 दिवसीय प्रशिक्षण में 5 जिलों के 43 ज्ञानसेतु शिक्षक प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। इस प्रशिक्षण के उपरांत इन सभी शिक्षको द्वारा उनके केन्द्रों पर प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम शुरू किये जांयेंगे।

प्रशिक्षण की शुरुवात भारत साक्षरता बोर्ड और राज्य संसाधन केंद्र (एसआरसी) यूपी की निदेशक संध्या तिवारी और राज्य संसाधन केंद्र (एसआरसी) के पूर्व अध्यक्ष सीबीएसई बोर्ड और सलाहकार अशोक गांगुली द्वारा किया गया। अशोक गांगुली ने प्रशिक्षण की शुरुवात करते हुए कहा की “वयस्क शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपने समुदायों को कौशल और ज्ञान से लैस करने की आवश्यकता है ताकि उनका जीवन बेहतर हो और वे अपने अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत हों। यह प्रशिक्षण हमारे शिक्षकों को तैयार करेगा और उन्हें अपने समुदायों को शिक्षित करने में मदद करेगा।” एसआरसी के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और प्रशासनिक अधिकारी श्री दिनेश सिंह, साथ में एसआरसी के एसोसिएट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर श्री नरेंद्र प्रताप सिंह व् अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं ने इस 3 दिवसीय प्रशिक्षण में हिस्सा लिया।

शेफ ज्ञानसेतु की कार्यक्रम प्रबंधक तन्मय चतुर्वेदी ने कहा की, “हम अपने समुदायों के साथ मिलकर काम करते हैं और इससे हमारे ज्ञानसेतु कार्यक्रम को बहुत लाभ मिलेगा। इससे समुदाय के सदस्यों, विशेषकर महिलाओं और लड़कियों को बहुत मदद मिलेगी, जिन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर नहीं मिला।
शेफ ज्ञानसेतु केंद्र ग्रामीण और शहरी इलाकों में छोटे, अंतरंग शिक्षण सहायता केंद्र हैं जहाँ गरीबी, लैंगिक भेदभाव और जाति की समस्याएं बच्चों को स्कूल जाने से रोकने के लिए जिम्मेदार है। बच्चे (मुख्य रूप से लड़कियां) जो स्कूल से बाहर हैं और हिंसा होने के उच्च जोखिम में हैं, वो एक त्वरित शिक्षण कार्यक्रम से गुजरते हैं जो उन्हें औपचारिक स्कूलों में नामांकन करने में सक्षम बनाता है। जमीनी स्तर के शिक्षकों द्वारा संचालित, ये केंद्र सामुदायिक जुड़ाव के स्थलों के रूप में भी काम करते हैं, जहाँ बाल विवाह, लड़कियों के शिक्षा के अधिकार और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर नियमित रूप से चर्चा होती है। पिछले कुछ वर्षों में ज्ञानसेतु ने उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में 3000 से अधिक बच्चों को इस कार्यक्रम से जोड़ते करते हुए 100 केंद्रों का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है। अब तक 684 बच्चे (जिनमें से 70% लड़कियां हैं) औपचारिक स्कूलों में स्थानांतरित हो चुके हैं।