लखनऊ: हाथरस गैंगरेप मामले में विपक्ष विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि कल भीड़ कोविड गाइडलाइन्स का उल्लंघन करते हुए हिंसा पर उतारू हो गई, हल्का बल उपयोग करके स्थिति को नियंत्रित किया गया। सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट डालकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के विरुद्ध अभियोग पंजिकृत किए गए हैं। एफआईआर में जो आरोप दर्ज किए गए हैं उनमें देशद्रोह, षडयंत्र, जातिगत अलगाव, धार्मिक भेदभाव, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य दर्ज करना, राज्य के ख‍िलाफ साजिश और मानहानि शामिल हैं|

50 लाख रुपये का प्रलोभन
प्रशांत कुमार ने कहा कि हाथरस में दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में अमन चैन बिगाड़ने और जातीय द्वेष फैलाने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार को भड़काने, गलत बयान देने के लिए दबाव बनाने और उन्हें 50 लाख रुपये का प्रलोभन देने आदि के संबंध में अभियोग पंजीकृत किया गया है। पीड़ित परिवार के घर के आसपास भ्रामक सूचनाओं के जरिए उन्माद फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित समुदाय की महिला के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म और उसकी मौत के बाद तेजी से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच पुलिस ने जिले के चंदपा थाने में जाति आधारित संघर्ष की साजिश, सरकार की छवि बिगाड़ने के प्रयास और माहौल बिगाड़ने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

पहला मुकदमा हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज
माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वायरल ऑडियो के जरिए भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है,उन्होंने कहा कि पहला मुकदमा हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज हुआ है। हाथरस में तैनात अधिकारियों से उलझने, बैरिकेडिंग तोड़ने के मामले में भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

एफआईआर में राजद्रोह से लेकर कई गंभीर धाराएं
पुलिस की ओर से चंदपा थाने में रविवार की शाम को एक एफआईआर दर्ज करायी गई जिसमें राजद्रोह से लेकर विभिन्‍न समूहों के बीच दुश्‍मनी को बढ़ावा देने जैसे कई गंभीर आरोपों की धारा शामिल है। चंदपा थाने में ही रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी कार्य में व्‍यवधान और निषेधाज्ञा के उल्‍लंघन जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है।