नई दिल्ली: राजनीतिक दलों के प्रति पक्षपाती होने के आरोप का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक और आरोप लगा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुक पर स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारियों का धड़ल्ले से संचार हुआ है। शोधकर्ताओं के समूह ‘आवाज़’ की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फेसबुक पर स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारियां तीन अरब 80 लाख बार देखी गई हैं और कोरोना महामारी के दौरान यह आंकड़ा और बढ़ गया है।

अवाज के अभियान निदेशक फदी कुरान ने कहा कि फेसबुक का एल्गोरिथ्म सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। मार्क जुकरबर्ग ने महामारी के दौरान विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने का वादा किया था, लेकिन उनका एल्गोरिथ्म फेसबुक के 2.7 बिलियन उपयोगकर्ताओं में से कई को स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचना देकर उनके प्रयासों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि फेसबुक जन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा है।

वहीं, फेसबुक का कहना है कि हम गलत जानकारियों के फैलने से रोकने के लिए काम कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि हमनें दुष्प्रचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। हम गलत जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए आवाज के साथ हैं। हमने अप्रैल से जून के बीच कोविड-19 से जुड़ी नौ करोड़ 80 लाख ग़लत जानकारियों के ख़िलाफ़ हमलोगों ने चेतावनी जारी की हैं और 70 लाख कंटेन्ट को हमने हटाया है।

फेसबुक ने यह भी कहा कि हमने दो अरब से भी ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य अधिकारियों से जोड़ा है।अगर कोई कोरोना वायरस से संबंधित पोस्ट या जानकारी का लिंक साझा करता है तो हम उन्हें पॉप-अप के जरिए यह याद दिलाते हैं कि उन्हें सही जानकारी ही देनी है और क्या जिस लिंक को वह साझा कर रहे हैं वो विश्वसनीय है।