नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भले ही 28 हज़ार से एक हज़ार पर आ गए हों मगर संभावित तीसरी लहर को लेकर IIT दिल्ली द्वारा तैयार की गई जो रिपोर्ट सामने आयी है वह भड़ी डरावनी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में प्रतिदिन करीब 45,000 कोविड केस आ सकते हैं.
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जमा की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस तरह के संकट से निपटने के लिए दिल्ली में प्रतिदिन 944 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी.
IIT दिल्ली ने संभावित तीसरी लहर में तीन स्थितियों का जिक्र किया है. पहली स्थिति में दूसरी लहर की तरह संक्रमण के मामलों, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और उसके हिसाब से ऑक्सीजन की जरूरतों का अनुमान लगाया गया है. दूसरी स्थिति में संक्रमण के 30 फीसदी अधिक मामलों और तीसरी स्थिति में 60 फीसदी अधिक केस के आधार पर अनुमानों का जिक्र है.
इसमें कहा गया है कि दूसरी लहर की पीक से 60 फीसदी अधिक बढ़ोतरी सबसे बुरी स्थिति होगी और सरकार को पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई के लिए तैयार रहना होगा. दिल्ली हाई कोर्ट में IIT दिल्ली के प्रोफेसर संजय धीर के मुताबिक ऑक्सीजन स्टोरेज बढ़ाने के साथ, दिल्ली के बाहर सप्लाई लाइन को मजबूत करना होगा. इसके अलावा प्रेशर स्विंग एब्जॉर्प्शन (PSA) प्लांट और 20-100 टन की क्षमता वाली 20-25 क्रायोजेनिक टैंकर की जरूरत होगी.
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