टीम इंस्टेंटखबर
यूपी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सत्ताधारी पार्टी भाजपा में विधायकों की मची भगदड़ के बीच ताज़ा जानकारी के मुताबिक 9वां इस्तीफ़ा सामने आया है, गुरुवार को औरया से बिधूना विधायक विनय शाक्य ने भी इस्तीफा दे दिया है. विधायक ने कहा कि स्वामी प्रसाद जहां कहेंगे वहां जाएंगे.

विनय शाक्य गुरुवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी मां के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात की. विनय शाक्य ने कहा कि बीजेपी में न तो काम हो रहा था और न ही सम्मान मिल रहा था.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे गए चिट्ठी में शाक्य ने लिखा है कि प्रदेश सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जों नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा ही दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगारों नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई है. प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. स्वामी प्रसाद मौर्य शोषितों और पीड़ितों की आवाज हैं. वे हमारे नेता हैं, मैं उनके साथ हूं.

बता दें की बिधूना के विधायक विनय शाक्य के लापता होने की बात परिवार ने कही थी. इसके बाद विनय शाक्य का बयान आया था और उन्होंने अपहरण की खबर को गलत बताया था. साथ ही कहा था कि वे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में जाएंगे.

बताया गया था कि विनय शाक्य का स्वास्थ्य खराब है और पैरालयसिस होने के कारण वह साफ बोल नहीं पाते. अस्पष्ट शब्दों में ही शाक्य ने सपा में जाने की बात कही. इतना ही नहीं विनय शाक्य की मां और भाई ने अपहरण की बात का खंडन किया था. उन्होंने विनय की बेटी रिया के वीडियो को ही साजिश बता दिया था.