टीम इंस्टेंटखबर
अफगानिस्तान की राजधानी में अस्पताल के एक सूत्र और तालिबान के एक अधिकारी ने बताया कि काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए दो विस्फोटों में कम से कम 72 नागरिक मारे गए हैं।

गुरुवार के विस्फोटों में कम से कम 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए, अगस्त 2011 में चिनूक हेलीकॉप्टर पर हमले के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के लिए यह सबसे खराब दिन था जिसमें 30 सेवा सदस्य मारे गए थे।

कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल में और भी धमाके हो सकते हैं. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने अपने दावे में इस धमाके की जिम्मेदारी ली है. वहीं, आईएसआईएस (ISIS) ने कहा कि उसके एक आत्मघाती हमलावर ने “अमेरिकी सेना के मददगारों” को निशाना बनाया. अमेरिकी अधिकारियों ने हमले के पीछे आईएसआईएस का हाथ होने की बात कही है.

ह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं. काबुल हवाईअड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी. कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी.

काबुल के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि 60 नागरिक मारे गए हैं. वहीं, अफगान पत्रकारों द्वारा शूट किए गए वीडियो में हवाई अड्डे के किनारे पर एक नहर के आसपास दर्जनों शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कम से कम दो विस्फोटों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया.