उत्तर प्रदेश विधानसभा की सात सीटों के लिये मंगलवार को करीब 54 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इक्का दुक्का पोलिंग बूथ पर ईवीएम की खराबी और कुछ एक स्थानों पर विकास कार्यो की अनदेखी से गुस्साये मतदाताओं द्वारा मतदान के बहिष्कार की घटनाओं को छोड़ कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ और कहीं से भी किसी हिंसक घटना की सूचना नहीं है। मतगणना दस नवम्बर को होगी। उपचुनाव को 2022 के विधानसभा चुनाव का सेमी फाइनल माना जा रहा है। यह उपचुनाव में भाजपा और सपा के लिये प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है वहीं कांग्रेस और बसपा इन चुनावों को जीतकर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की कोशिश मान रही है। प्रचार के दौरान बुलंदशहर,टूंडला,घाटमपुर और नौगांव सादात में भाजपा का पलड़ा भारी माना जा रहा था वहीं देवरिया,बांगरमऊ और मल्हनी में चुनाव परिणाम चौकाने वाले हो सकते हैं।

राज्य की सभी रिक्त सात सीटों पर कुल 88 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है हालांकि मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा),समाजवादी पार्टी (सपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के बीच है। वर्ष 2017 के चुनाव में जौनपुर की मल्हनी सीट को छोड़कर अन्य छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था। शाम छह बजे तक सात विधानसभा क्षेत्रों में 53.62 फीसदी वोट डाले गये थे।

अमरोहा की नौगांव सादात सीट पर भाजपा उम्मीदवार ने रिर्टनिंग आफीसर और केन्द्रीय पर्यवेक्षक के पास शिकायत दर्ज करायी कि कुछ लोगों ने मतदान प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश की। मतदान के लिये निर्धारित समय शाम छह बजे तक नौगांव सादात सीट पर रिकार्ड 61.5 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले थे जबकि कानपुर की घाटमपुर सीट पर सबसे कम 49.42 प्रतिशत मतदान हुआ था।

इस अवधि में उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर 50.59 फीसदी,बुलंदशहर सीट पर 52.10 फीसदी,देवरिया में 51.05 फीसदी,फिरोजाबाद की टूंडला सीट पर 54 फीसदी और जौनपुर की मल्हनी सीट पर 56.65 प्रतिशत मतदान हुआ था। इन सात सीटों पर कुल 24.34 लाख मतदाताओं में पुरूषों की संख्या 13.3 लाख,महिलाओं की 11.30 लाख और थर्ड जेंडर की 130 है। मतदान के लिये 3655 पोलिंग बूथ बनाये गये थे। इन सात सीटों पर नौ महिला उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। बुलंदशहर में सबसे अधिक 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है वहीं घाटमपुर में सबसे कम छह प्रत्याशी चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं।

उन्नाव से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार मतदाताओं में वोट करने को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। क्षेत्र के ग्राम भटियापुर में बूथ संख्या 108 पर मौजूद मतदाताओं ने एक मतदान कर्मी पर आरोप लगाया कि वह मतदाताओं से ईवीएम मशीन में तीसरे नंबर की बटन दबाने के लिए प्रेरित कर रहा। सूचना पर एसडीएम, सीओ भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों समझाबुझा कर मामला शांत कराया।

विभिन्न मतदान केंद्रों पर मौजूद मतदाताओं ने बताया कि दो दिन पूर्व संबंधित बीएलओ ने मतदान के लिए पर्ची दी थी लेकिन जब मंगलवार को वह पर्ची लेकर मतदेय स्थल पर पहुंचे तो मतदान कर्मियों के पास मौजूद मतदाता सूची में नाम ही नहीं निकला। जिससे वह लोग मतदान से वंचित हो गए ।

फतेहपुर चैरासी ब्लाक के बूचागाड़ा गांव के ग्रामीणों ने सडक नाली को लेकर पहले मतदान का बहिष्कार किया लेकिन सीडीओ डा राजेश कुमार प्रजापति के समझाने के बाद मतदान करने को राजी हो गये। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की सड़क के दोनों तरफ नाली का निर्माण नही हुआ है। सडक क्षतिग्रस्त है निकलने में समस्या का सामना करना पडता है। मामले की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन में हडकंप मच गया। सूचना पर सीडीओ डा. राजेश कुमार प्रजापति मौके पर पहुंचे और ग्रामीणो को किसी तरह समझाया। सीडीओ ने गांव की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने की बात कही। जिसके बाद ग्रामीणों नें वोट डालना प्रारम्भ किया।

बुलंदशहर से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगरीय क्षेत्र के स्थान पर ग्रामीण क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या अधिक रही। जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण वातावरण में निष्पक्ष मतदान के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे।

कोरोना महामारी के मद्देनजर प्रत्येक मत देयस्थल पर वोट डालने आने वाले माता की पहले थर्मल स्कैनर की गई और सैनिटाइजर करने के बाद ही उसे बूथ मे प्रवेश की अनुमति दी गई। मतदाताओं सहित पुलिस बल और मतदान कर्मी भी कोविड-19 कॉल का पालन करते नजर आए। निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण वातावरण में मतदान कराने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर भारी सुरक्षा बल तैनात रहा। जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र कुमार एसएसपी संतोष कुमार सिंह सभी जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट मतदान केंद्रों का भ्रमण करते रहे।