नई दिल्ली: कल तक निर्दलीय सांसद भी रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के चंद घंटों बाद ट्वीट करके भारतीय मीडिया से ‘विनम्र निवेदन’ किया है कि वह उन्हें डिफॉल्टर कहने से पहले अपने तथ्यों की पुष्टि करें।
बता दें कि माल्या पर बैकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। शानोशौकत और चमकदमक वाली जीवनशैली जीने के लिए जाने जाने वाले विजय माल्या पिछले माह 2 मार्च को लंदन भाग गए थे। इसके बाद से इन्होंने भारत लौटकर जांच और बैंकों का सामना करने के आदेश को अब तक नजरअंदाज किया है।
माल्या ने एक और ट्वीट करके कहा है- मैं यह मानता हूं कि किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का पैसा बकाया है। उन्होंने लिखा कि जब मैंने खुद सेटलमेंट का ऑफर दिया है तो मैं डिफॉल्टर कैसे हो गया।
यहां बता दें कि राज्यसभा की आचार समिति द्वारा अपने निष्कासन की सिफारिश किए जाने से ठीक एक दिन पहले माल्या ने सोमवार को उच्च सदन से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लिखे अपने रेजिगनेशन लेटर में माल्या ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि उनके नाम और छवि की और अधिक मिट्टी पलीद हो। वैसे माल्या का यह दूसरा कार्यकाल था जोकि 1 जुलाई को समाप्त होने वाला था।
उन्होंने लंदन से भेजे अपने त्यागपत्र में कहा है, ‘…और चूंकि हालिया घटनाक्रम से जाहिर होता है कि मुझे निष्पक्ष सुनवाई या न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए मैं राज्यसभा की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।’
पिछले दिनों विजय माल्या ने कहा था कि उन्हें भारत छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है और तत्काल भारत लौटने की उनकी कोई योजना नहीं है। फिलहाल लंदन में रह रहे 60 वर्षीय माल्या ने कहा था कि वह एक देशभक्त भारतीय रहे हैं और हमेशा भारतीय झंडे को ऊंचा रखने में गर्व महसूस करते हैं मगर उनके खिलाफ जो चीख- पुकार मची हुई है उसमें वह ब्रिटेन में सुरक्षित पड़े रहना पसंद कर रहे हैं और फिलहाल भारत लौटने की उनकी योजना नहीं है।
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