लखनऊ। मानवोत्थान सामाजिक सेवा उन्मूलन एसोसिएशन की बैठक प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न की गई। इस बैठक में शहर मे चलने वाले अतिक्रमण हटाओं अभियान से पूर्व फुटपाथों को मुक्त कराने की मांग की गई। माउसा की तरफ से कहा गया कि शहर के आराजक यातायात और अतिक्रमण के लिए जिला प्रशासन और व्यापारी बराबर का जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि संगठन के नाम पर दबाव बनाकर चंद व्यापारी प्रशासन पर हावी हो चुके है। शहर में अतिकत्तर मार्गो पर बड़े बड़े प्रतिष्ठान बिना पार्किग के संचालित हो रहे है परिणाम स्वरूप उन प्रतिष्ठानों के सामने दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों का सड़क पर जमावड़ा लगा रहता है और सड़क पर पैदल चलना दूभर हो चुका है। माउसा की तरफ से कहा गया कि शहर में यातायात अराजकता के लिए मुख्य रूप से फूटपाथ पर अतिक्रमण है। उनका कहना है कि उदाहरण के तौर पर अवध अस्पताल से लेकर आलमबाग तक, चारबाग से लेकर कैसरबाग और शिवाजीरोड से अमीनाबाद चौराहे तक व्यापारियों ने फुटपाथ से लेकर सड़क तक अवैध कब्जा कर रखा है जिसके चलते शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। बैठक् में आर्यन होटल राजभवन के सामने , दुगर्मा होटल नगर निगम के सामने सहित कई होटलों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि इनके सामने ही चार पहिया वाहन खड़े होकर यातायात नियमों की धज्जियॉ उड़ा रहे है।  इस बैठक में शहर में कई क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति, दूशित पेयजल वितरण सहित बिजली आपूर्ति में किए जा रहे भेदभाव पर चिन्ता जताई गई।

बैठक को सम्बोधित करते हुए अतुल दुबे ने कहा कि शहर में जलआपूर्ति की स्थिति बहुत ही खराब है। आलामबाग के आजाद नगर से लेकर पुराने लखनऊ, पारा, एलडीए, राजाजीपुरम सहित कई क्षेत्रों में तो पीने के पानी के लिए हाहॉकार मचा है। पानी को लेकर हो रही मारपीट से लेकर समाज में दूरियॉ बढ़ रही है। कई क्षेत्रों में दूशित पेयजल की आपूर्ति हो रही है। उपाध्यक्ष डीएम भट्ट ने कहा कि राजधानी के ही कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों की तरह है कुछ वी आईपी क्षेत्रों को छोड़कर बाकी के क्षेत्रों में बिजली की ऑख मिचौली जारी है। शहर में आर्दश माडल शाप अब सड़कों पर नजर आने लगे है। अराजकता बढ़ रही है। बैठक को सम्बोधित करते हुए महामंत्री टी.बी. सिंह ने कहा कि एक तरफ तो सरकार रंगरोगन लगाकर साइकिल पथ का निर्माण कर रही है लेकिन राजधानी की सड़कों पर फुथपाथ बचा ही नही तो साइकिल पथ की अवधारणा कहा तक सफल होगी। समिति ने सरकार से मांग की है कि साइकिल पथ से पूर्व प्रदेष सरकार केवल राजधानी के फुथपाथ को अतिक्रमण से मुक्त करा दे तो षहर की यातायात व्यवस्था पटरी पर आ जाए। बैठक में जे.पी. शुक्ल, ओमप्रकाश गुप्ता अनिल सिंह, विमल यादव, विजय यादव, शेषनाथ पाण्डेय, सुबोध यादव,वेदनाथ शुक्ला,समर बहादूर यादव, श्रीप्रकाश मिश्र, कमला सिंह, नईमुद्दीन, आर.के. तिवारी,अमरेन्द्र पाण्डेय, रामलखन सोनकर आदि ने सम्बोधित किया।