नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकारों की पैरोकार मेनका गांधी ने पुलिस के घोड़े शक्तिमान की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बात करते हुए मांग की कि अब पशुओं को पुलिस बलों का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
मेनका ने कहा, ‘मैं शक्तिमान की मौत से बहुत दुखी हूं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। घोड़ों को अब हमारे पुलिस बल का हिस्सा नहीं होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि शक्तिमान ‘ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी’ था और उसकी मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की गिरफ्तारी ‘पुलिस अधिकारी’ की हत्या के मामले में होनी चाहिए।
पुलिस और बीजेपी प्रदर्शनकारियों के बीच 14 मार्च को हुई झड़प के दौरान बुरी तरह पीटे जाने के बाद शक्तिमान ने अपना एक पांव खो दिया था। 13 वर्षीय घोड़े को कृत्रिम टांग लगाई गई थी और तब से वह पुलिस लाइन में ही था। शक्तिमान एक प्रशिक्षित घोड़ा था और वर्षों से उत्तराखंड पुलिस का हिस्सा था। शक्तिमान की बुधवार शाम साढ़े पांच बजे देहरादून में मृत्यु हो गई।
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