नई दिल्ली। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर संसद परिसर में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। हालांकि इस मौके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठ रहे हैं। गुरुवार सुबह संसद में हुए कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे, लेकिन प्रधानमंत्री की मौजूदगी ना होना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा। 

वहीं संसद परिसर में पीएम मोदी की गैर मौजूदगी पर कांग्रेस नेता पीएल पूनिया से सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि अब तक की परंपरा रही है कि इस कार्यक्र में हर साल प्रधानमंत्री शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के 180 से ज्यादा देशों में समारोह मनाए जा रहे हैं, यूएन भी उनकी जयंती मना रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री को संसद में मौजूद रहना चाहिए।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने पीएम की गैर मौजूदगी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार साल भर समारोह मनाने का एलान पहले ही कर चुकी है। पूरे देश में आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आज बाबा साहेब के जन्मस्थान महू में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे और वहीं से ग्रामउदय से भारतउदय कार्यक्रम शुरुआत करेंगे।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, वैंकेया नायडू, थावर सिंह गहलोत और अन्य कई गणमान्य नेता मौजूद थे। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संसद भवन प्रांगण में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां आम जनता ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अपर्ति की।