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तीन हजार ग्रामीण महिलाओं का साझा मंच बना ’प्रेरणा दिवस’

लखनऊ: महिलायें हमारी ताकत हैं इसे ध्यान में रखते हुये ही ’प्रेरणा’ को महिलाओं के लिए केन्द्रित किया गया है। ’प्रेरणा दिवस’ की परिकल्पना और योजना के तहत 31 जनपदों का चयन किया गया था जिनमें ’प्रेरणा दिवस’ का आयोजन किया जाना था। हमें खुशी है कि सभी जनपदों में यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक आयोजित हुये और हमारी ग्रामीण महिलाओं ने इसमें उत्साहित होकर प्रतिभाग किया।

ग्राम्य विकास मंत्री श्री अरविंद सिंह ’गोप’ ग्राम्य विकास विभाग के उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा यहाॅ फैजाबाद रोड स्थित पाॅलिटेक्निक ग्राउन्ड में आयोजित ’प्रेरणा दिवस’ के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं का ग्रामीण महिलाओं ने भरपूर लाभ उठाते हुये अपने परिवार और समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वे निरन्तर घर से बाहर आकर काम कर रही हैं। उन्होंने ’प्रेरणा दिवस’ के मौके पर तीन हजार से भी अधिक संख्या में महिलाओं की उपस्थिति की सराहना करते हुये उन्हें बधाई दी।

ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक श्री यशवन्त राव ने कहा कि  ’प्रेरणा दिवस’ ग्राम्य विकास मंत्री के सुझाव का ही परिणाम है। उन्होंने बताया कि शुरु में 31 जनपदों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य सभी ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे  अपने किसी भी कार्य के लिए किसी पर भी निर्भर न रहें। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता जाहिर की कि ग्रामीण  महिलायें इन सभी योजनाओं में रुचि लेकर काम कर रही हैं।

एन. आर. एल. एम. के उपायुक्त श्री सतीश प्रसाद मिश्रा ने ग्रामीण आजीविका मिशन की कार्ययोजना पर प्रकाश डालते हुये बताया कि प्रेरणा दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को घर की चहारदीवारी से बाहर लाकर उन्हें स्वस्थ वातावरण देते हुये उन्नति की ओर ले जाना है। उन्होंने बताया कि इस मिशन का मेरुदण्ड समूह है गांवों में महिलाओं को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर उनको आजीविका के नये-नये विकल्पों से परिचित कराने का काम किया  जाता है। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अनेक महिलाओं ने अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सफलता प्राप्त की है।

प्रेरणा दिवस के मौके पर पंडाल में उपस्थित हजारों की संख्या में आई महिलाओं ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। ग्रामीण महिलाओं ने ’बंधन’ शीर्षक से एक नाट्य प्रस्तुति भी की, जिसमें सामाजिक सात बंन्धनों से मुक्ति की क्रमबद्ध यात्रा का वर्णन किया गया। 

पूरा पंडाल- ’’हम अपना अधिकार मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते।’’ और ’’बूँद नहीं चिंगारी हैं, हम भारत की नारी हैं’’ जैसे नारों से गूंजता रहा। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर ग्राम्य विकास मंत्री श्री अरविन्द सिंह गोप द्वारा सम्मानित भी किया गया।

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