इलाहबाद । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के कांग्रेस विधायक अजय राय के खिलाफ लगी रासुका को अवैध करार देते हुए रद कर दिया है। मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों के उत्पीडऩ की प्रतिकार यात्रा के दौरान तोडफ़ोड़ व उपद्रव पर जिलाधिकारी ने अजय राय को रासुका के तहत नजरबंद करने का आदेश दिया था।
यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति नाहिद आरा मुनीस की खंडपीठ ने अजय राय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता डीएस मिश्र का कहना था कि जिलाधिकारी के समक्ष रासुका लगाने के लिए संतोषजनक तथ्य नहीं थे। रासुका से संबंधित कागजात याची को नहीं दिये गए जिससे उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ।
मालूम हो कि अजय राय के नेतृत्व में वाराणसी में पांच, अक्टूबर, 2015 को संतों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रतिकार यात्रा निकाली गयी। इस दौरान हिंसक झड़पों के चलते उन्हें गिरफ्तार कर रासुका में नजरबंद किया गया। जिलाधिकारी ने 13 अक्टूबर, 2015 को रासुका लगाई थी, जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी।
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