पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश और बाढ़ से 30 लोगों की मौत
असम और इससे सटे उत्तर पूर्वी राज्यों में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण कई इलाके़ बाढ़ की चपेट में आ गए है. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में बीते 48 घंटों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है, वहीं कई इलाक़ों में पानी भरने की ख़बरें मिल रही हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से 31 मई की शाम को जारी की गई एक रिपोर्ट में बाढ़ से असम के 12 जिलों में 175 गांव डूबने की जानकारी दी गई है.
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि कई और इलाके़ बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिसकी रिपोर्ट रविवार शाम तक विभाग को मिल पाएगी.
बाढ़ और भूस्खलन की अलग-अलग हुई घटना में अब तक असम में आठ लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 60 हज़ार से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. असम के अलग-अलग इलाक़ों में सैकड़ों की संख्या में लोग अपना घर-बार छोड़कर राहत शिविरों में रहने आए हैं.
बाढ़ से सबसे ज़्यादा नुक़सान लखीमपुर ज़िले में हुआ है. जिला प्रशासन ने लखीमपुर में दस से अधिक राहत शिविर खोले हैं. राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए प्रशासन ने दाल, चावल, सरसों का तेल, नमक, चिवड़ा और गुड़ उपलब्ध करवाया है.
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया है कि शनिवार को बाढ़ के पानी में डूबने से लखीमपुर में एक और गोलाघाट में दो लोगों की मौत हो गई है. इससे एक दिन पहले गुवाहाटी को बोंडा में भूस्खलन के कारण पांच लोगों की मौत हुई थी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक़ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फ़ोन पर असम में बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली है और बाढ़ से निपटने के लिए हरसंभव सहायता की पेशकश की है.
हिमंत बिस्वा शर्मा ने रविवार एक्स पर पोस्ट किया, “माननीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम में बाढ़ के बारे में जानकारी लेने के लिए कुछ देर पहले मुझे फ़ोन किया और मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता की पेशकश की.”