नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कैंपस में कथित तौर पर भारत-विरोधी नारे लगाने के चलते देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला 2 मार्च के लिए टाल दिया है। कोर्ट 2 मार्च को फैसला सुनाएगा कि कन्हैया को जमानत दी जाए या नहीं।
इससे पहले हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या कोई ऐसा वीडियो है जिसमें कन्हैया देश विरोधी काम करते हुए दिखाई देते हैं। इस पर दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि हमारे पास कन्हैया के खिलाफ कोई वीडियो साक्ष्य नहीं है। हमने जिन 161 लोगों के बयान दर्ज किए हैं वो कहते हैं कि उन्होंने कन्हैया को ग्रुप को लीड करते हुए देखा था।
इससे पहले बीती 24 फरवरी को इस मामले की सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए टाल दी थी क्योंकि दिल्ली पुलिस ने पीठ से कहा था कि वह फिर से पूछताछ के लिए कन्हैया की हिरासत की मांग करेगी।
यह सुनवाई इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि पुलिस पीठ को मामले की चल रही जांच के बारे में सूचित कर सकती है। जांच के दौरान कन्हैया का आमना-सामना जेएनयू के दो अन्य गिरफ्तार छात्रों- उमर खालिद और अनिर्बाण भट्टाचार्य से करवाने के लिए उसे एक दिन की हिरासत में लिया गया। उमर और अनिर्बाण ने 23 फरवरी की रात पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। दोनों ही आरोपी की हिरासत को एक दिन के लिए और बढ़ा दिया है। दोनों 29 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में थे।
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