नई दिल्ली। नई दिल्ली: आतंकी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में जेएनयू में आयोजित किए गए कार्यक्रम के बाद उठा विवाद बढ़ गया है। दिल्ली पुलिस ने छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली जावेद को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है।

गौरतलब है कि मंगलवार शाम को जेएनयू में संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित किए गए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में कुछ स्टूडेंट्स ने देश विरोधी नारे लगाए थे।

इस मामले में सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि किसी भी प्रकार से भारत माता के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर कोई भी भारत विरोधी नारे लगाता है, देश की एकता और अखंडता पर सवाल उठाने की कोशिश करता है तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली से भाजपा के सांसद महेश गिरि ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पुलिस ने देशद्रोह से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। इसमें धारा 124 ए आईपीसी (देशविरोधी बयान देना) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की जा चुकी है।

जेएनयू कैम्पस में मचे इस बवाल से विश्वविद्यालय प्रशासन इस कदर डर गया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए प्रशासन विभिन्न कार्यक्रमों की मंजूरी प्रक्रिया को पेचीदा बनाने पर विचार कर रहा है। अब तक तो केवल डीन छात्र कल्याण कार्यालय में एक निवेदन पत्र के माध्यम से ही कार्यक्रमों की मंजूरी मिल जाया करती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सूत्रों की मानें तो अब इस प्रक्रिया में कार्यक्रम की जानकारी, उसका उद्देश्य, उसके आयोजक छात्रों की जानकारी के साथ-साथ उसके संबंध में जारी होने वाले पोस्टर व पर्चों की भी पड़ताल मंजूरी देने से पहले की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि अफजल गुरु वाले इस कार्यक्रम की मंजूरी के लिए जब आवेदन किया गया था तो उसमें विषय कहीं स्पष्ट नहीं था कि यह आयोजन अफजल गुरू और मकबूल भट की बरसी को देखते हुए आयोजित किया जा रहा है।

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार शाम को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन से ताल्लुक रखने वाले 10 छात्रों ने अफजल गुरु की बरसी पर यह कार्यक्रम आयोजित किया था। एबीवीपी की शिकायत पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस समारोह के आयोजन की अनुमति रद्द की जाने के बावजूद यह आयोजन किया गया था। इसके अंत में एबीवीपी ने विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक पहुंच गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बुलाया। यह सब देश की राजधानी में तब हो रहा था, जब दूसरी तरफ सियाचिन में करीब 25 फीट बर्फ से जीवित निकाले गए लांस नायक हनुमनथप्पा अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे थे।