UNO,NHRC पंहुची सूचना आयुक्त बिष्ट की शिकायत

लखनऊ: सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट द्वारा लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी से की गयी मारपीट पर सूचना आयुक्त की मुश्किलें चौतरफा बढ़ने वाली हैं. इस मुद्दे पर एकजुट हो आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके आरटीआई कार्यकर्ता अब सूचना आयुक्त के खिलाफ हर उस दरवाजे को खटखटा रहे हैं जहाँ से उनको न्याय मिलने की उम्मीद है. इसी कड़ी में लखनऊ की एक सामाजिक कार्यकत्री ने सूचना आयुक्त पर आरटीआई कार्यकर्त्ता के मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए  बीते शुक्रवार इस मामले को एक एक ई-मेल के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय , भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केन्द्रीय सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग,उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, राज्यपाल राम नाईक, सीएम अखिलेश यादव, मुख्य सचिव अलोक रंजन, डीजीपी, लखनऊ के जिलाधिकारी और एसएसपी को भेजकर अरविन्द सिंह बिष्ट के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है.

लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन येश्वर्याज सेवा संस्थान की सचिव,सामाजिक और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने बताया कि अरविन्द सिंह बिष्ट सूचना आयोग में एक सूचना आयुक्त की तरह नहीं बल्कि एक गुंडे की तरह व्यवहार कर रहे है और इस तरह की गुंडई किसी के भी द्वारा बर्दाश्त नहीं की जायेगी फिर चाहे वह सूबे की सतारूढ़ पार्टी के मुखिया का समधी ही क्यों न हो.

अरविन्द सिंह बिष्ट की पुत्री और मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा द्वारा दिव्यांगजनों की सेवा का जिक्र करते हुए उर्वशी ने कहा कि कैसा विरोधाभास है कि जहाँ एक तरफ बेटी दिव्यांगजनों की सेवा में रत है तो वहीं उसी बेटी का बाप अपने सामने आये निरीह आरटीआई आवेदकों को मारपीट कर दिव्यांग बनाने पर आमादा है. 

आरटीआई कार्यकर्ताओं को भी मानवाधिकार-संरक्षक बताते हुए उर्वशी ने तनवीर के मामले का पूरा विवरण संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय को भेजा है जहाँ से उर्वशी को उनका शिकायती ई-मेल प्राप्त हो जाने की सूचना प्राप्त भी हो गयी है.

उर्वशी ने बताया है कि वे सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट द्वारा प्रताड़ित किये गए दर्जनों  आरटीआई आवेदकों से के संपर्क में हैं और शीघ्र ही अरविन्द सिंह बिष्ट को पदच्युत करने के लिए उच्च न्यायालय में एक पीआईएल भी दायर की जायेगी.