काबुल : भारत की ओर से बनाई गई अफगानिस्तान की नई संसद के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के विकास के लिये आतंकवाद के उन्मूलन पर खास जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिरगा की परंपरा में निष्ठा रखने वाले अफगानिस्तान ने चुनौतियों के बावजूद लोकतंत्र को चुना है। महान अफगानिस्तान के लोगों ने अदम्य साहस के साथ संघर्ष करते हुए बंदूक और हिंसा के बजाय वोट और चर्चा के जरिये अपने भविष्य को आकार देने का संकल्प लिया है।’
उन्होंने कहा- ‘संसद की नई इमारत हमारे संबंधों की भावना और मूल्यों, हमारे बीच के लगाव और आकांक्षाओं के अटूट प्रतीक के रूप में खड़ी रहेगी जो हमें विशेष संबंधों की डोर से बांधे रखता है। ऐसे लोग हैं जो हमें यहां नहीं देखना चाहते हैं, इसके बावजूद हम पर आपके विश्वास के कारण हम यहां हैं, आपने हमारी दोस्ती की ताकत पर कभी संदेह नहीं किया।’
आतंकवाद का विरोध करते हुए उन्होंने कहा- ‘अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब सीमापार से आतंकवाद का प्रवाह नहीं होगा। आतंकवाद के पनाहगाहों को बंद करना होगा। आतंक और हिंसा अफगानिस्तान के भविष्य को आकार प्रदान करने या यहां के लोगों की पसंद तय करने का माध्यम नहीं हो सकते।’
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के शहीद सुरक्षाकर्मियों के बच्चों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की और कहा कि 1000 छात्रवृत्ति की योजना जारी रहेगी।
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