लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए नये लोक आयुक्त के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने आज 19 दिसम्बर, 2015 को याची सच्चिदानन्द गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नये लोक आयुक्त के शपथ ग्रहण को अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी, 2016 को होगी। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के दृष्टिगत मुख्य सचिव आलोक रंजन ने राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर को आज सायं फोन कर लोक आयुक्त के शपथ ग्रहण समारोह को स्थगित कराने हेतु राज्यपाल की स्वीकृति चाही थी, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।
गौरतलब है कि लोकायुक्त का नाम घोषित होते ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने डीवाई चंद्रचूड़ ने लोकायुक्त की नियुक्ति पर ऐतराज जताया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने यूपी के राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उनकी सहमति के बिना रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई चार जुलाई 2016 को होगी।
रिटायर्ड जस्टिस वीरेंद्र सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जज हैं। उन्होंने 2009 से 2011 के बीच हाईकोर्ट में जज की भूमिका मेें थे। वे 1977 बैच के पीसीएस-जे हैं। गौरतलब है कि तय समय तक लोकायुक्त का चयन होने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वीरेंद्र सिंह को यूपी का नया लोकायुक्त घोषित किया था।
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