लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री मोहम्मद आजम खां ने आज कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव मुसलमानों की समझदारी से ही हारा या जीता जाएगा। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि इस बार विधानसभा चुनाव में वह अपनी जुबान बंद नहीं करेंगे भले ही इसके लिए उन्हें जेल में दिन क्यों न गुजारने पड़ें।
शुक्रवार को लखनऊ में गन्ना किसान संस्थान के सभागार में आयोजित अल्प संख्यक अधिकार दिवस के कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि इस बार चुनाव में मुसलमानों की भूमिका अहम होगी। इसलिए बहुत मजबूत सियासी फैसले लेने की जरूरत है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव की तरह हो सकता है इस बार के विधानसभा चुनाव में भी उनकी कोई बात पकड़ ली जाए और उन्हें खामोश रहने की हिदायत दी जाए। मगर इस बार ऐसी किसी भी पाबंदी को कोई महत्व नहीं देंगे।
बकौल आजम खां-‘या तो मैं आजाद जिन्दगी गुजारूंगा और अभिव्यक्ति की आजादी पर पूरी तरह अमल करूंगा वरना जेल में रहना पसंद करूंगा।’ आजम बोले-‘गाय की हिफाजत को लेकर बहुत हो हल्ला मचाने वालों ने अभी हाल ही में दो सौ करोड़ रूपए के चेक बीफ के निर्यातकों से लिया। और अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस मुद्दे पर जवाब नहीं सूझ रहा है।’
आजम खां ने कहा-अगर मुझे दिल्ली की जामा मस्जिद की इमामत मिल जाए तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे मगर ऐसा होगा नहीं। उन्होंने इमाम बुखारी द्वारा उन्हें काफिर कहे जाने पर बुखारी की भी आलोचना की। फिल्म अभिनेता आमिर खान के सहिष्णुता संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि आमिर की जान सिर्फ इसलिए बच सकी क्यों कि वह खुद मजबूती के साथ आमिर के साथ आकर खड़े रहे। उन्होंने कहा कि आमिर के जो भी बयान मीडिया में आए दरअसल वह आमिर ने नहीं बल्कि उनकी हिन्दू पत्नी किरन ने कहा था इसलिए इस बाबत किरन से सवाल जवाब होता आमिर से नहीं।
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