नई दिल्ली:  सरकार ने दो लाख रुपये से अधिक के भुगतान पर पैन नंबर अनिवार्य बनाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। केंद्र के इस फैसले के बाद हालांकि उन लोगों को पैन नबंर देने की अनिवार्यता से राहत मिल जाएगी जो दो लाख रुपये से कम का लेन-देन करते हैं। सरकार ने दो लाख रुपये से अधिक की ज्वैलरी की खरीद पर भी पैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया है।

वित्त मंत्री ने अनुदान की पूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए लोक सभा में इसकी घोषणा की। फिलहाल कोई वस्तु या सेवा की खरीदने पर भुगतान के लिए पैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य नहीं था। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2015-16 में एक लाख रुपये से अधिक के लिए लेन-देन पर पैन नंबर अनिवार्य बनाने की घोषणा की थी। हालांकि इसके बाद अलग-अलग वर्गो से वित्त मंत्रालय के पास प्रतिनिधित्व जाने के बाद मंत्रालय ने इसे एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का फैसला किया है।

आयकर विभाग के नए नियमों के अनुसार होटल या रेस्टोरेंट में 50 हजार रुपये से अधिक का बिल आने पर पैन नंबर देना होगा। फिलहाल यह सीमा 25 हजार रुपये थी। हालांकि डाकघर बचत बैंक में 50 हजार रुपये से अधिक जमा करने के लिए जरूरी पैन नंबर की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। इसी तरह टेलीफोन या सेलफोन का कनेक्शन लेने के लिए पैन नंबर नहीं देना होगा। इसी तरह विदेश यात्रा पर जाने वाले लोगों को राहत देते हुए 50 हजार रुपये तक की विदेशी मुद्रा और हवाई टिकिट खरीदने को पैन नंबर देने की अनिवार्यता से बाहर रखा गया है। हालांकि यह राशि 50 हजार से अधिक होने पर पैन नंबर का ब्यौरा देना होगा।

इन कामों के लिए पैन नंबर जरूरी होगा

10 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति खरीदने के लिए

दुपहिया छोड़कर कोई भी अन्य वाहन खरीदने को

डाकघर, निधि या कॉपरेटिव बैंक में 50 हजार रुपये सावधि जमा करने के लिए

एक साल में पांच लाख रुपये जमा करने के लिए

एक लाख रुपये से अधिक की शेयर खरीदने या बेचने के लिए

जन धन को छोड़कर अन्य सभी तरह के बैंक खाते खोलने के लिए

होटल या रेस्टोरेंट में 50 हजार रुपये से अधिक का बिल आने पर

बैंक चैक या ड्राफ्ट 50,000 रुपये से अधिक होने पर

बैंकिंग कंपनी में दिन में 50 हजार रुपये से अधिक जमा करने पर

डीमैट खाता खोलने के लिए

किसी भी गैर-सूचीबद्ध कंपनी में एक  लाख रुपये से अधिक के शेयर खरीदने के लिए

जीवन बीमा का भुगतान 50 हजार रुपये से अधिक होने पर

कैश कार्ड या प्रीपेड कार्ड से 50 हजार रुपये से अधिक के नकद भुगतान पर