नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि भारत में बैंकों को 2018-19 तक बेसल-तीन नियमों का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए लगभग 140 अरब डालर की जरूरत होगी।

इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि अगर पूंजी व खराब ऋण से जुड़े मुद्दे नहीं सुलझाए जाते हैं तो उनके ऋण प्रवाह में कोई बड़ा सुधार होने की संभावना नहीं है। फिच के अनुसार सरकार द्वारा बैंकों में लगभग 11 अरब डालर का संभावित निवेश महत्वपूर्ण है लेकिन यह बेसल-तीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सतत उधारी वृद्धि के लिहाज से शायद अपर्याप्त हो।

एजेंसी ने ‘2016 परिदृश्य : भारतीय बैंक’ में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार अगर सार्वजनिक बैंक अपनी लाभप्रदता का पुनरुत्थान चाहते हैं तो उन्हें बैलेंसशीट मजबूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए हालांकि उनके पास ज्यादा गुंजाइश नहीं है।