आयुर्वेदीय निदान एवं विशेष चिकित्सा शिविर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गोसाइगंज में सम्पन्न – 456 रोगी उपचारित

लखनऊ: आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा के विकास हेतु जनपद लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में आयोजित विशिष्ट चिकित्सा शिविरों के क्रम में आज गोसाईगंज स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ धन्वन्तरि पूजन कर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, लखनऊ डा0 शिव शंकर त्रिपाठी द्वारा किया गया। प्रभारी चिकित्साधिकारी गोसाईगंज चिकित्सालय एवं शिविर प्रभारी डाॅ0 नीरज अग्रवाल के साथ डाॅ0 शीलेन्द्र सिंह, डाॅ0 अनुभूति एवं डाॅ0 कुसुम कुमारी आदि चिकित्साधिकारियों द्वारा 456 रोगियों को चिकित्सा परामर्ष एवं निःशुल्क आयुर्वेदिक औषधियाँ वितरित कर उपचारित किया गया। 

इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि जाडे़ का मौसम प्रारम्भ हो गया है। इस समय थोड़ी सी सावधानी बरत कर स्वास्थ को उत्तम बनाया जा सकता है। इस मौसम में अग्नि प्रदीप्त होने के कारण भूख बढ़ जाती है अतएव मौसम के अनुसार उपलब्ध द्रव्य यथा मूंगफली, गुण, तिल, अमरूद, गाजर, टमाटर, सिंघाड़ा, मक्के का आटा, बथुआ एवं सरसों का साग आदि का सेवन तो करना ही चाहिए साथ ही पौष्टिक आहार के रूप में बादाम, दूध, एवं घी का सेवन भी शरीर की आवश्यकता एवं बल को देखते हुए करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाडे़ में तैल की मालिश स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभदायक है। जाडे़ के दिनों में त्वचा रूखी हो जाती है इसलिए शरीर में स्निग्धता बनाए रखने के लिए तैल मालिश आवश्यक है। सिर में तेल तो हर मौसम में लगाना उत्तम रहता है जिससे बालों को पोषण मिलता है तथा अनिद्रा, थकान एवं सिर दर्द जैसी तकलीफें पास नहीं आती हैं। वैसे सरसों का तेल हर मौसम में प्रयोग किया जाना उचित रहता है लेकिन औषधि के रूप में तेल मालिश के लिए महानारायण तेल या लाक्षादि तेल का प्रयोग उत्तम है।

शिविर में आये रोगियों को ब्लड शुगर, हिमोग्लोबीन, ब्लड ग्रुप तथा फेफड़ों की क्षमता (पी0एफ0टी0) की निःशुल्क जांच सुविधा भी प्रदान करायी गयी। इस अवसर पर डाबर, आर्गेनिक इण्डिया, बान, एन्केराइट, सिपला, एमेटी आदि औषधि निर्माताओं द्वारा औषधियाँ शिविर में निःशुल्क वितरित करने हेतु उपलब्ध करायी गयीं।