विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित एक रिपोर्ट‘ प्रोग्रेस आॅन ड्रिंकिंग वाटर ऐंड सैनिटेशन-2014 अपडेट’ से पता चलता है कि भारत में 597 मिलियन लोग खुले में शौच करते है। रिपोर्ट के अनुसार एक अरब लोगों में से 82 प्रतिशत लोग सिर्फ 10 देशों में रहते है, जो खुले में शौच करते है, दुर्भाग्य से इसमें योगदान देने में भारत की संख्या सबसे अधिक है।
हैबिटैट फाॅर ह्यूमैनिटी इंडिया के प्रबंध निदेशक राजन सैमूल का मानना है कि खुले में शौच करने की समस्या को दूर करने के लिए सबको मिलकर कार्य करना है। शौचालय की सुविधा पाना हरेक नागरिक का मूलभूत अधिकार है। यूएन सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल्स का लक्ष्य 6 का उद्देश्य ‘‘सभी के लिए जल एवं सफाई सुविधा सुनिश्चित करना है। इस वैश्विक लक्ष्य के साथ जुड़कर हैबिटैट फाॅर ह्यूमैनिटी इंडिया अपने ‘सेंसिटाइज टू सैनिटाइज’ अभियान के तहत देश भर में 1,00,000 शौचालय बना रहा है। इस ‘वर्ल्ड टाॅयलेट डे’ पर उचित सफाई की जरूरत पर जागरूकता पैदा करने में हमारे साथ जुडे़। साथ मिलकर हमें खुले में शौच करने की प्रवृत्ति को समाप्त करना है।
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