लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स ने सुलतानपुर और आस-पास के जिलों में दहशत फैलाकर रंगदारी वसूल करने वाले 50-50  हजार के इनामी कुख्यात शूटर पंकज सिंह और फहीम उर्फ सोनू को लखनऊ से रविवार को गिरफ्तार कर लिया। कानून-व्यवस्था के लिए मुसीबत का सबब बने पंकज को गुडंबा थाना क्षेत्र के गढ़ी तिराहा और फहीम की कैंट क्षेत्र से गिरफ्तारी की गयी। इन शातिरों से नाइन एमएम की पिस्टल, तमंचा और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए। 

एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि सुलतानपुर के कादीपुर थाना क्षेत्र के ककना निवासी पंकज ने अपने ही गांव के इरशाद की हत्या कर सनसनी फैला दी। पहले भी उसने कई सनसनीखेज घटनाएं की। वह अपने साथियों के साथ मिलकर सुलतानपुर, अंबेडकरनगर और जौनपुर में ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने लगा। पंचायत चुनाव के दौरान पंकज ने उम्मीदवारों को चुनाव न लडऩे और कई से वसूली शुरू कर दी। एक व्यक्ति को ब्लाक प्रमुख बनाने के लिए बीडीसी सदस्यों के अपरहण की योजना बनाने में भी वह सक्रिय था।

पंकज ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2012  में अपराध जगत में आया। उसने ककना के ग्राम प्रधान रामसूरत मौर्या पर चुनावी रंजिश में जानलेवा हमला किया, जिसमें वह जेल गया। वर्ष 2013  में उसने सांगापुर निवासी जंगबहादुर सिंह उर्फ बेटू सिंह की हत्या की। पिछले 12  जून को बेटू सिंह के करीबियों और पंकज व उसके साथियों के बीच जमकर फायङ्क्षरग हुई। इसमें प्रशांत सिंह, शिवकुमार सिंह और देवी प्रसाद की मौके पर मौत हो गयी। पंकज ने सत्ता पक्ष के विधायक रामचंद्र चौधरी के पुत्र अंगद चौधरी को रंगदारी के लिए जान मारने की धमकी दी थी। भट्टा मालिक हरीकृष्ण यादव से भी रंगदारी मांगी। फरारी के दौरान दिल्ली, मुंबई और गुजरात में वह शरण लेता रहा। पंकज अपने परिवारीजन को निर्विरोध पंचायत चुनाव में जितवाने की कोशिश में भी लगा था।

एसटीएफ के आइजी सुजीत पाण्डेय ने बताया कि सुलतानपुर के वल्दीराय क्षेत्र के बल्लीपुर निवासी फहीम उर्फ सोनू की भी दहशत कम नहीं थी। फहीम रविवार को लखनऊ के कैंट क्षेत्र में अर्जुनगंज पुरानी चुंगी के पास अपने किसी दोस्त से मिलने आ रहा था। मोटरसाइकिल सवार फहीम और उसके दोस्त को पुलिस ने रोका। इस दौरान एक व्यक्ति भाग गया जबकि फहीम को फोर्स ने दबोच लिया। फरार होने वाला रामसागर सुलतानपुर के ही ग्राम गुरई का रहने वाला है। फहीम ने कई घटनाओं में शामिल होने की बात स्वीकार की। उसने पिछले नौ सितंबर को बीडीसी सदस्य जमील की हत्या कर दी थी। इस घटना से उत्तेजित भीड़ ने बल्लीपुर चौकी में तोडफ़ोड़ और आगजनी की थी। फहीम ने प्रधानी की रंजिश में अपने साथी जग्गा और राहुल के साथ मिलकर संतराम की हत्या की। रामसागर के साथ राइस मिल मालिक ठाकुर प्रसाद शर्मा, बीडीसी सदस्य जमील और अन्य कई हत्याएं कबूल की। उसने जलालपुर में गैस एजेंसी मालिक से लूट और करौंदी कला में मोटरसाइकिल एजेंसी के कैशियर से तीन लाख रुपये की लूट की घटना भी स्वीकार की। फहीम एक दर्जन से अधिक मामलों में वांछित चल रहा है।