लखनऊ: प्रदूषण पर नवाबों का शहर लखनऊ सतर्क हो गया है। यहां के लोग अब नहीं चाहते हैं कि उनका खूबसूरत शहर और ज्यादा प्रदूषित हो। इस बात का प्रमाण दीपावली पर देखने को मिला। जहां राजधानी वासियों ने पिछले साल के मुताबिक तेज आवाज वाले कम पटाखे छुड़ाए और राजधानी को अधिक प्रदूषित होने से बचाया।
इस बार दीपावली पर जलाए गए पटाखों के बाद प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय की ओर से जारी आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि शहरवासियों ने तेज आवाज वाले कम पटाखे जलाए हैं। पिछले साल जहां दिवाली में फोड़े गए पटाखों से शहर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 100 डेसीबल के आसपास था तो इस साल दीपावली में इसका स्तर लगभग 21 प्रतिशत घटकर 79.76 ही रह गया है। प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि इस दिवाली ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है।
दीपावली में तेज आवाज के पटाखे नहीं फोड़े जाएं इसे लेकर शहर के स्कूल, कॉलेजों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जिलाधिकारी लखनऊ राजशेखर के नेतृत्व में मुहिम चलायी गई। जिसका असर दीपावली पर साफ दिखा। स्कूल, कॉलेजों में विशेष रूप से बच्चों को पटाखा रहित दीपावली बनाने की शपथ भी दिलायी गई। लाखों बच्चों ने शपथ लेते हुए शहर को ध्वनि प्रदूषण से मुक्त रखने की शपथ ली थी। स्कूली बच्चों के साथ ही व्यापार एवं उद्योग संगठनों, पूजा समितियों और नागरिकों से तेज आवाज वाले पटाखे न जलाने की अपील भी की गई थी।
प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय लखनऊ के मुताबिक दीपावली पर अलग-अलग क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर डेसिबल में मापा गया। आंकड़ों के मुताबिक अलीगंज में जहां 98.4 डेसिबल सबसे ज्यादा शोर हुआ, वहीं आईटी के आसपास सबसे कम शोर 71.6 डेसिबल रहा।
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