नई दिल्ली: बिहार चुनाव में हार को लेकर बीजेपी में मंथन जारी है। लेकिन इस बीच बीजेपी नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बयान को लेकर सफाई दी है। उन्होंने ट्वीट के जरिए यह सफाई दी है और कहा है कि मैंने कभी नहीं कहा कि अगर मैं मुख्यमंत्री पद के तौर पर बिहार चुनाव से पहले प्रचारित किया जाता तो परिणाम कुछ और हो सकते थे।

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा कि अगर उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया होता तो परिणाम कुछ और होते । सिन्हा ने हालांकि कहा कि अगर उन्होंने चुनाव प्रचार किया होता तब स्थितियां बेहतर हो सकती थी।

सिन्हा ने ट्विट किया कि मीडिया ने ऐसी बात गढ़ने का प्रयास किया कि जैसे मैंने यह कहा हो कि अगर मुझे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया जाता तब परिणाम भिन्न हो सकता था। बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है और राज्य में चुनाव प्रचार के तौर तरीकों को लेकर असंतोष के स्वर उभर रहे हैं। सिन्हा को चुनाव प्रचार में शामिल नहीं किया गया था ।

शत्रुघ्न ने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिए कोई दावा किया । उन्होंने कहा कि उनकी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। मैंने केवल इतना कहा था कि अगर मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाया गया होता तब चीजें अलग होती ।

शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि बहरहाल, अब जनादेश सामने आ गया है और हम इस शर्मनाक हार से दुखी हैं, हमें जवाबदेही तय करने से भागना नहीं चाहिए । एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘ चुनाव में मेरे दोस्तों, प्रशंसकों और समर्थकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी से कुछ सीटों पर निश्चित तौर पर स्थितियां अलग बन सकती थी । ’ उन्होंने कहा, ‘ मैं कोई राज्यसभा का सांसद नहीं हूं । मैं जनता के समर्थन से आया हूं। मैंने दो लोकसभा चुनाव रिकार्ड अंतर से जीते हैं । मेरा पास समर्थकों का आधार है । ’ फिल्मी दुनिया के अलावा राजनीति में भी अहम मुकाम रखने वाले सिन्हा ने कहा, ‘ गंभीरता और सद्इच्छा के बावजूद ‘बिहारी बाबू’ को मेरे लोगों के लिए चुनाव प्रचार से दूर रखा गया । मेरे मित्रों, मतदाताओं और समर्थकों को नीचा दिखाया गया । ’