लखनऊ: विश्वेसरैया सभागार में बैठे लोग उस समय सुखद अनुभूति से भर गए जब सपा के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने उठकर 95 वर्षीय गोविन्द प्रसाद को न केवल अपने लिए आवंटित ऊंची कुर्सी पर बैठाया। शिवपाल का बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी के प्रति यह सम्मान देखकर सभागार में बैठे सभी लोगों ने सराहना की और कर्तल ध्वनि से बधाई दी। बुजुर्ग गोविन्द प्रसाद भी भावविह्वल हो उठे। यह मौका था शिवपाल सिंह यादव पर केन्द्रित वेबसाइट www.shivpalyadav.com के विमोचन का। विश्वेसरैया सभागार लखनऊ में बैठे बुद्धिजीवियों एवं समाजवादी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नई तकनीक का लाभ किसानों और गरीबों को मिलना चाहिए। जो अच्छे काम हुए हैं, उनके प्रचार प्रसार की महती आवश्यकता है। आज के समय में अधिकांश लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए है इसलिए अपनी समस्याओं को सीधे हम तक पहुंचा सकते है। गांवो में रहने वाले लोग भी अब अपनी समस्याओं को चाहे वो ट्यूबवेल की खराबी व खेत में पानी न पहुंचने की समस्या हो उसे सीधे सोशल मीडिया के माध्यम से हमें भेज सकते है। श्री यादव ने कहा कि इसके माध्यम से लोगों से संवाद स्थापित करके सरकार की योजनाओं, कामों और प्रगति के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही समस्याओ का समाधान भी किया जायेगा। समाजवादी पार्टी की सरकार ने नहरों और सड़कों की दिशा में बहुत काम किया है। नहर व्यवस्था को दुरुस्त करने के कारण ही किसान इस बार सूखे की समस्या से बचे रहे। बरसात कम होने के बावजूद उनके खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिला। श्री यादव ने जोर देकर कहा कि 21वीं सदी समाजवाद की सदी होगी। हम अपनी विरासत और बुजुर्गों से मिले ज्ञान और अनुभव को टेक्नोलाॅजी के माध्यम से आने वाली पीढ़ी को स्थानान्तरित कर सकते है।
शिवपाल सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए समाजवादी चिंतक दीपक मिश्र ने कहा कि शिवपाल ने लोहिया के निर्गुण विचारधारा को लोकबन्धु राजनारायण, मुलायम सिंह यादव का अनुगमन करते हुए सगुण रूप दिया। लोहिया के आहवान पर हुए आवपाशी विरोधी आन्दोलन में मुलायम सिंह जी ने 1954 में गिरफ्तारी दी थी, जब सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है और शिवपाल सिंचाई मंत्री बनते हैं तो पहला काम नहर से होने वाली सिंचाई को निःशुल्क करते हैं। शिवपाल गरीबों की मदद करते समय कभी भी वोट की सियासत नहीं करते, यही कारण है कि उन्होंने श्रीलंका के मछुआरों की रिहाई के लिए पहल की और लगभग 332 मछुआरों को रिहा कराने में सफल हुए। सभागार में वरिष्ठ सपा नेता धर्मानन्द तिवारी लुआक्टा के अध्यक्ष शिक्षक नेता डा० मनोज पाण्डेय, विधायक मो० रेहान, अजय त्रिपाठी व अन्य लोग मौजूद थे।
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