नई दिल्ली: दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली की बिजली कंपनियों के सीएजी ऑडिट के मामले में फ़ैसला सुना दिया है। कोर्ट का फैसला है कि दिल्ली की तीनों बिजली कंपनियों का CAG आडिट नहीं होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने दिल्ली की बिजली कंपनियों के CAG आडिट के मामले में अपना फैसला सुनाया है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनवरी 2014 में तीनों बिजली कंपनियों BSES राजधानी, BSES यमुना और TATA पावर के सीएजी आडिट के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ कंपनियों ने हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। हालांकि सिंगल जज ने अर्जी खारिज करते हुए सीएजी आडिट की इजाजत देते हुए कंपनियों को सहयोग करने को कहा था। इसके खिलाफ बिजली कंपनियों ने डबल बेंच में अपील की थी। इस मामले में ऊर्जा नाम की RWA ने भी हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है।
इससे पहले अगस्त के महीने में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार को सस्ते दर पर बिजली खरीदने की अनुमति देने का आग्रह करते हुए कहा था कि सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध है। उनका कहना था कि दिल्ली में बिजली दर ऊंची इसलिए है, क्योंकि आधी से अधिक बिजली प्रति यूनिट 5.50 रुपये की दर से खरीदी जा रही है।
यही नहीं देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट ने आप सरकार के इस आरोप को और मजबूत किया था कि दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियां अपने खाते में हेराफेरी करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी की तीनों डिस्कॉम कंपनियों ने बढ़ा-चढ़ाकर घाटा दिखाया है।
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