नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दशहरा के मौके पर देशवासियों से कहा है कि असुरों और विभाजनकारी ताकतों को नष्ट करें।पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि हम हमेशा से अनेकता को स्वीकारा है, सहिष्णुता को बढ़ावा दिया है और असहमति को स्वीकार किया है। अगर हम ऐसे नहीं रहते तो हमारी सभ्यता 5000 साल तक जीवित नहीं रहती।

मानवता और बहुलतावादी सोच को किसी भी सूरत में हमें त्यागना नहीं चाहिए। हम सब को एक  होकर समाज की बुरी ताकतों के खिलाफ खड़े होना है। आशा करता हूं कि माहामाया जो कि सभी सकारात्मक शक्तियों का जोड़ है,  असुरों और बुरी ताकतों का सर्वनाश करेगी।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 8 अक्टूबर को उत्ततर प्रदेश के दादरी के एक गांव में कुछ लोगों द्वारा गोमांस के कथित सेवन के बाद अखलाख नाम के वृद्ध की हत्या के बाद पहली बार इस प्रकार की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इस प्रकार की घटनाओं से हम अपनी सभ्यता के मूल को नष्ट नहीं कर सकते जिससे हमें सावधान रहने की जरूरत है।