नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि आधार कार्ड होल्डर चाहे तो अपनी जानकारी को ब्लॉक कर सकता है। सरकार ने बुधवार को निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बैंच ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी के तहत बनाए गए आधार कार्ड की प्रकृति के बारे में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से पूछा था।

रोहतगी ने कोर्ट में बताया कि आधार कार्ड बनवाना ऎच्छिक है। कार्ड का उपयोग भी ऎच्छिक है और कार्ड होल्डर चाहे तो इसे ब्लॉक भी कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी जानकारी को ब्लॉक करना चाहता है वो ऎसा कर सकता है और कोई भी इसे अनब्लॉक नहीं कर सकता। ऎसी जानकारी उसकी मर्जी न होने तक ब्लॉक रहेंगी।

रोहतगी ने साथ ही बताया कि यदि कोई व्यक्ति आधार कार्ड नहीं चाहता तो इससे बनवाने से इनकार कर सकता है लेकिन कुछ लोगों के विरोध के चलते 92 करोड़ लोगों को इसके फायदों से दूर नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि पहली बार सरकार ने यह खुलासा किया है कि आधार कार्ड की जानकारी को व्यक्ति चाहे तो ब्लॉक करा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह सुविधा आधार के जरिए निजता के अधिकार के हनन के आरोप लगने के बाद कुछ समय पहले ही जोड़ी गई थी।