अहमदाबाद: 22 साल के हार्दिक पटेल ने एक वॉट्सएप मैसेज में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से कहा है कि वह पटेल आंदोलन से ज़रा दूरी बनाकर रहें। हार्दिक पटेल, राज्य में सरकारी नौकरी और कॉलेजो में पटेलों के लिए आरक्षण की मांग करने वाले समुदाय के नेता हैं।

हार्दिक पटेल ने अपने वॉह्टसएप संदेश में कहा है ‘मैं अमित शाह से निवेदन करता हूं कि वह पटेल आंदोलन से दूर रहें। हम उनके चाहने से रुकने वाले नहीं है। मेरे जीते जी तो यह विरोध जारी रहेगा। और अगर आप इस तूफान को ज़ोर ज़बरदस्ती से रोकना चाहते हैं तो पहले मेरी जान लेनी होगी।’

बता दें कि अमित शाह खुद अहमदाबाद के ही रहने वाले हैं और यहीं से जारी पटेल आंदोलन के नेता हार्दिक ने कहा है कि उन्हें अपने सूत्रों से पता चला है कि अमित शाह को पटेलों की इस मांग में बीच बचाव करने की जिम्मेदारी दी गई है। हार्दिक कहते हैं ‘उनके बोल देने भर से यह आंदोलन थमने वाला नहीं है और हमें पता है कि वह इसे रोकने के लिए दूसरे दाव पेंच का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए मैं यह खुला संदेश उन्हें भेज रहा हूं कि वह दूर रहें।’

हालांकि राज्य के भाजपा नेताओं ने पटेल के इस संदेश पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की है, साथ ही यह भी कहा गया है कि आरक्षण आंदोलन को लेकर शाह के गुजरात दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वैसे कईयों को पटेल का भाजपा अध्यक्ष को इस तरह खुलेआम चुनौती देना ध्यान खींचने का तरीका भी लग रहा है।

हार्दिक का आरोप है कि शाह के कहने पर उन्हें राज्य में कई जगह रैली और जन सभा करने से रोका जा रहा है। उनका कहना है ‘अगर आप मुझे मारेंगे तो मेरे जैसे हज़ार हार्दिक और खड़े हो जाएंगे। हमारी मांगे पूरी कीजिये और न्याय कीजिये। नहीं तो जो कर सकते हैं कीजिये।’

गौरतलब है कि गुजरात में आबादी का पांचवां हिस्सा पटेल समुदाय का है। पटेल समुदाय आरक्षण और ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन करता रहा है और इस आंदोलन की कमान अब हार्दिक पटेल की हाथों में है। उधर आनंदीबेन पटेल की सरकार पहले ही पटेलों की मांग को पूरी करने में अपनी असमर्थता दिखा चुकी है।