लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाएं गए मेक इन इंडिया स्वावलम्बन और कौशल विकास योजना की परिकल्पना भारत रत्न डा अब्दुल कलाम ने की थी। जिसे अब प्रधानमंत्री मूर्त रूप देने में लगे है।  यह बात भारत रत्न डा कलाम के विजन 2020 पर गटेनबर्ग द्वारा आयोजित एक सेमिनार में पूर्व कुलपति पद्मश्री प्रो महेन्द्र सिंह सोढ़ा ने कही। लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में आयोजित सेमिनार में पद्मश्री प्रो महेन्द्र सिंह सोढ़ा ने पूर्व राष्ट्रपति के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा कलाम ने बचपन में ही विकसित भारत का सपना देखा था। उन्होंने कहा पोखरण दो परमाणु परिक्षण दो बड़े विभागों द्वारा मिलकर पूरी गोपनीयता साथ सफलता पूर्वक किया गया। जिसमे दोनों विभाग की टीमों को प्रेरित करने का काम डा अब्दुल कलाम ने किया जो कि एक राष्ट्रीय ध्येय का काम है। उन्होंने कहा विकास एक ऐसा मुद्दा है जोआज तो हर एक के लिए है और राजनीतिज्ञों के लिए तो अहम मुद्दा है परन्तु इसको हम सब के सामने मिशन के तौर पर पेश कर प्रमुख उद्देश बनाने का श्रेय डा कलाम को जाता है।

कार्यक्रम के अध्यक्षी भाषण में डा फ़िदा हुसैन अंसारी ने कहा मिसाइल मैन हमेशा कहते थे कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक इंतज़ार करने वाले और दुसरे कोशिश करने वालेए इंतज़ार करने वालों को वही मिलता है जो कोशिश करने वालों से बचता है। उन्होंने कहा कि डा अब्दुल कलाम द्वारा कहा गया एक एक शब्द हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। कुदरत ने उनका वह सपना पूरा किया कि वह पूरा जीवन लोगों को शिक्षा देते रहे और उनका जीवन काल भी शिक्षा देते हुए समाप्त हुआ। आज देश में विभिन्न राज्यों द्वारा डाण् एण्पीण्जेण्अब्दुल कलाम के विज़न 2020 के तहत दिए गए सुझावों जैसे कृषि क्रांतिए सौर्य ऊर्जा और विज्ञानं एवं प्रौद्यौगिकी के क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट शुरू किये गए हैं जिसके परिणाम स्वरुप देश विकास के पथ पर अग्रसर है। 

इससे पहले प्रो निधि बाला संकायाध्यक्ष शिक्षा विभाग ने सेमिनार के अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत रत्न डा अब्दुल कलाम के जन्म दिवस को विश्व युवा दिवस के रूप में मानाने का निर्णय लिया गया है। इस दिवस के लिए डा कलाम के जन्म दिन से बेहतर कोई और दिन नहीं हो सकता। 

सेमिनार के विशिष्ट अतिथि कुंवर महिरज ध्वज सिंह ने कहा कि डा कलाम ने राष्ट्रपति होते हुए भी हर वर्ग से अपने को जोड़े रखा और भारत को विश्व गुरु का दर्ज दिलाया। उन्होंने कहा देशके प्रधानमंत्री ने उनके विज़न 2020 को पूर्ण रूप से अपनाया है और वह उनके सपने को साकार करने की ओर अग्रसर हैं। सेमिनार में लखनऊ कैथोलिक डायोसी के चांसलर फादर डोनाल्ड डीसूजा ने डा अब्दुल कलाम के बचपन की कठिनाइयों और छात्र जीवन की चर्चा करते हुए शिक्षकों से आदर्श बनने और छात्रों का मार्गदर्शन करने का आह्वान किया।  कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति अवस्थी ने किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक सय्यद ज़ुल्फी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।