नई दिल्ली: दादरी हत्याकांड और मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को शिवसेना ने दुखद बताया है। शिवसेना ने कहा है कि यह बयान नरेंद्र मोदी का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि यह बयान हमारे प्रिय मोदी जी का नहीं है बल्कि एक प्रधानमंत्री का दिया गया बयान है जो दुखद है।

दरअसल शिवसेना का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दादरी कांड और मुंबई में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के कंसर्ट रद्द होने के मसले पर बयान दिया है। गौर हो कि शिवसेना के भारी विरोध की वजह से पिछले दिनों मुंबई में आयोजित होनेवाले गुलाम अली के कंसर्ट को आयोजकों ने रद्द कर दिया गया था। गुलाम अली के कंसर्ट रद्द होने पर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी जिसकी सियासी गलियारों के अलावा बॉलीवुड ने भी आलोचना की थी।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर मिथ्या धर्मनिरपेक्षता को अपनाने और ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और साथ ही दादरी हत्याकांड तथा मुंबई में गुलाम अली का कंसर्ट रद्द होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया लेकिन यह भी कहा कि सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है । प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि वह संप्रदायवाद का हौव्वा खड़ा कर अल्पसंख्यकों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर रही है ।

यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने दादरी घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है जहां गौमांस खाने की अफवाहों पर एक मुस्लिम की भीड़ ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी। हालांकि प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह पुरजोर अपील करते हुए कहा था कि हिंदुओं और मुस्लिमों को एक दूसरे से नहीं बल्कि गरीबी से लड़ना चाहिए। उन्होंने सहिष्णुता और आपसी सम्मान जैसे मूल भारतीय मूल्यों को बनाए रखने के राष्ट्रपति के आह्वान का भी हवाला दिया था। प्रधानमंत्री ने दादरी घटना पर ‘चुप्पी’ के लिए विपक्ष की आलोचनाओं की जद में आने के बाद पिछले सप्ताह एक चुनाव सभा में इस बारे में टिप्पणी की थी।