लखनऊ: जिलाधिकारी राज शेखर की मौजूदगी में आज तेरहवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का समापन हो गया. राजधानी के मोती महल लॉन में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक के आख़िरी दिन आज ज़बरदस्त भीड़ उमड़ी. बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सबके सब पुस्तक मेले में किताबें तलाशते नज़र आये. साहित्यिक किताबों के स्टाल पर आज दिन भर जगह नहीं रही. पुस्तक मेले के आखिरी दिन महिलाओं ने तरह-तरह के व्यंजन बनाने की किताबें खरीदीं तो बच्चों ने उन किताबों को तरजीह दी जिनमें किताबों के कवर पर मोम और वाटर कलर लगे हुए हैं.

पुस्तक मेले मशहूर शायर मुनव्वर राना, प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह, ममता कालिया, गिरिराज किशोर की किताबें भी हाथों हाथ ली गईं. पुस्तक मेले के संयोजक देवराज अरोड़ा और उमेश ढल ने बताया कि बीते तेरह सालों में पुस्तक मेले में होने वाले सारे बदलाव याद हैं. प्रकाशक बढ़ते गए. पुस्तकों की संख्या बढ़ती गई. इस बार 65 प्रकाशकों के करीब 180 स्टाल लगे. पुस्तक मेले में आने वाले बच्चों की सुविधा के लिए लकड़ी के फर्श लगाये गए. वाटर प्रूफ पंडाल बनवाये गए ताकि पुस्तकें सुरक्षित रहें. श्री अरोड़ा इस बात से काफी नाराज़ दिखे कि पुस्तक मेले के ठीक पहले मोतीमहल लॉन को ठीक करने का काम किया गया. इससे पुस्तक मेले में धूल उड़ने की समस्या रही.

पुस्तक मेले में आज राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो.राम गोपाल बजाज भी आये. वाणी प्रकाशन के स्टाल पर उन्होंने भी काफी देर तक किताबें देखीं. एक किताब उन्होंने पसंद भी की और अपने साथ ले गए. पुस्तक मेले की उन्होंने सराहना की और कहा कि पढ़ने-पढ़ाने का दौर चलता रहना चाहिए.

पुस्तक मेले के सांस्कृतिक पंडाल में आज कार्यक्रम की शुरुआत कवि सम्मेलन से हुई. लक्ष्य साहित्यिक संस्था द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. लखनऊ पुस्तक मेला समिति की ओर से आज यहाँ सम्मान समारोह का आयोजन किया. इस समारोह में पुस्तक मेले के आयोजक देवराज अरोड़ा और उमेश ढल ने डॉ. हरिओम, मुरलीधर आहूजा, डॉ. अमिता दुबे, गिरीश पाण्डेय, विनोद मिश्र, सर्वेश अस्थाना और अंकित त्रिपाठी को प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. पुस्तक मेले में आज रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया. इस शिविर में लोगों ने उत्साह के साथ हिस्सेदारी की.

पुस्तक मेले में आज दोपहर अरविन्द चतुर्वेदी द्वारा आयोजित लखनऊ पुस्तक माला में लेखकों ने परिचर्चा की और प्रो. हरिशंकर मिश्र का सम्मान समारोह आयोजित किया. जिलाधिकारी राज शेखर की मौजूदगी में पुस्तक मेले का विधिवत समापन हो गया. पुस्तक मेले के सांस्कृतिक पंडाल में आज सबसे अंत में हास्य कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया. जिसमें हास्य कवियों सूर्य कुमार पाण्डेय, सर्वेश अस्थाना, मुकुल महान, तारा चन्द्र तन्हा, अनिल बौझड़, अविरल आनन्द, और आर.पी.वर्मा ने अपनी रचनाओं के ज़रिये लोगों को खूब गुदगुदाया. इस हास्य कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि सूर्य कुमार पाण्डेय का सम्मान किया गया.