पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोरदार अभियान और नीतीश कुमार तथा लालू प्रसाद की अगुवाई में प्रतिद्वद्वी खेमे की सिलसिलेवार रैलियों के बाद पांच चरणों में होने वाले चुनाव के पहले चरण में कल बिहार विधानसभा की 49 सीटों पर मतदान होना है।

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर लक्ष्मणन ने बताया कि कुल 1,35,72,339 मतदाता हैं। पहले चरण के चुनावों में 10 जिलों में 49 सीटों पर कुल 583 उम्मीदवार मैदान में हैं। लक्ष्मणन ने कहा कि सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा। उन्होंने बताया कि अधिकतर सीटों पर मतदान शाम पांच बजे संपन्न होगा वहीं कुछ निर्वाचन क्षेत्रों के नक्सल प्रभावित इलाकों में कानून और व्यवस्था की स्थिति के आधार पर दिन में चार बजे और तीन बजे तक मतदान होगा।

कुल 1,35,72,339 मतदाताओं में 72,37,253 पुरूष 63,17,602 महिलाएं और तीसरे लिंग के 405 लोग हैं। लक्ष्मणन ने कहा कि कुल 583 उम्मीदवारों में से 54 महिलाएं हैं। बिहार में बसपा का कोई खास जनाधार नहीं है लेकिन पार्टी ने 49 सीटों में से 41 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

भाजपा ने 27 उम्मीदवार, जदयू ने 24, राजद ने 17, लोजपा ने 13, कांग्रेस ने आठ ,राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने छह और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। माकपा, भाकपा, भाकपा-माले, फारवर्ड ब्लॉक, एसयूसीआई(सी) और आरएसपी जैसे छह वाम दल साथ मिलकर इस बार मैदान में उतरे हैं। पहले चरण के लिए भाकपा ने 25 उम्मीदवार और माकपा ने 12 उम्मीदवार उतारे हैं।

लक्ष्मणन ने कहा कि पहले चरण के 13212 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। बिहार में 12 अक्तूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव होना है। आठ नवंबर को मतगणना होगी। 243 सदस्यीय मौजूदा बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। 80,000 से 90,000 चुनावकर्मी तैनात किये जाएंगे। हर मतदान केंद्र पर केंद्रीय अर्धसैन्य बल के कर्मी होंगे। ड्रोन और हेलिकॉप्टर की भी सहायता ली जाएगी।

49 सीटों पर चुनाव के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा के चुनाव अभियान की अगुवाई की। राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, जे पी नड्डा के साथ राज्य के नेताओं सुशील कुमार मोदी और नंद किशोर यादव ने लोगों के बीच पार्टी के संदेश का प्रचार किया।

प्रतिद्वंद्वी खेमे का प्रचार अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के इर्द-गिर्द घूमा। धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की संभावनाओं को धार देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी प्रचार करने पहुंचे। पहले चरण में नीतीश कुमार की जदयू की साख दांव पर लगी है क्योंकि 2010 में पार्टी ने 49 में से 29 सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले चुनाव में जदयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा ने 13 सीटें हासिल की थीं और राजद को चार सीटें मिली थीं। एक पखवाड़े से ज्यादा समय तक चले चुनाव प्रचार में प्रतिद्वंद्वियों के बीच जमकर जुबानी जंग हुयी।

अभियान की शुरुआत तो सकारात्मक तरीके से हुई थी और सत्ता के लिए दो मुख्य दावेदार- भाजपा नीत राजग और जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन ने विकास के वादे के साथ अभियान का आगाज किया लेकिन जल्द ही यह आरोप-प्रत्यारोप में तब्दील हो गया। अभियान के दौरान शैतान से लेकर ब्रहम पिशाच, और चारा चोर से लेकर नरभक्षी तक हर तरह के शब्द सुनने और तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। प्रचार जोर पकड़ने पर लालू प्रसाद की ‘हिंदू भी गोमांस खाते हैं’ की टिप्पणी पर खूब बहस हुयी। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण नीति की समीक्षा के आह्वान पर राजद प्रमुख ने कहा कि भाजपा नेतृत्व में केंद्र जाति आधारित आरक्षण खत्म करने का इरादा रखता है।

इसके बाद लालू प्रसाद और भाजपा विरोधी गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार आरक्षण खत्म करने के कथित कदम पर रैलियों में खूब बोले। मोदी ने लालू पर यदुवंशियों का अपमान करने का आरोप लगाया। मोदी की टिप्पणी पर आरोप लगा कि चुनाव में धुव्रीकरण की कोशिश हो रही है।

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, असली मोदी दिख गए- बिहार चुनाव में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे लेकिन दादरी की निंदनीय घटना पर चुप हैं। मोदी और शाह सहित राजग के विभिन्न नेताओं ने ‘जंगल राज’ की वापसी के प्रति लोगों को आगाह किया। लालू प्रसाद के आलोचक राजद के 15 साल के शासन काल के दौरान कथित अराजकता के लिए ‘जंगल राज’ की याद दिलाते हैं।