ज्यूरिख : फीफा की नैतिकता समिति ने आज फुटबॉल के दो सबसे ताकतवर अधिकारियों सेप ब्लाटर और माइकल प्लातिनी को 90 दिन के लिए निलंबित कर दिया। प्रतिबंध को अस्थायी बताया गया है, लेकिन इसे फीफा अध्यक्ष ब्लाटर के दौर का अंत माना जा रहा है जबकि अगला अध्यक्ष बनने की युएफा प्रमुख प्लातिनी की उम्मीदों को भी करारा झटका लगा है।

फीफा की स्वतंत्र नैतिकता समिति ने दक्षिण कोरियाई दिग्गज चुंग मोंग जून पर भी छह साल का प्रतिबंध लगा दिया। मून भी फीफा अध्यक्ष पद के दावेदारों में शुमार थे। फीफा महासचिव जेरोम वाल्के को भी 90 दिन के लिये निलंबित किया गया है जिन्हें टिकटों के एक अन्य घोटाले में पहले ही पद छोड़ने को कह दिया गया था।

बयान में कहा गया कि फुटबाल के चार दलालों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर तरह की फुटबॉल गतिविधि से निलंबित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू होगा।

फीफा ने अभी बताया नहीं है कि उसकी कमान कौन संभालेगा। स्विस जांचकर्ताओं ने ब्लाटर और प्लातिनी के खिलाफ आपराधिक कुप्रबंधन की जांच शुरू कर दी थी जिसके बाद से उनकी रवानगी की अटकलें लगाई जा रही थी।

यह निलंबन अगले 45 दिन के लिये बढ़ाया जा सकता है। फीफा के चुनाव 26 फरवरी को होने हैं। इससे प्लातिनी का चुनाव में खड़ा हो पाना मुश्किल लग रहा है। चुंग वैसे ही दौड़ से बाहर हो गए हैं। फीफा के संकट का आगाज मई में हो गया था जब अमेरिकी अधिकारियों ने 14 फीफा अधिकारियों और खेलों के मार्केटिंग कार्यकारियों को प्रसारण और मार्केटिंग करारों के लिये 15 अरब डालर से अधिक की रिश्वत देने के मामले में आरोपी ठहराया था।

फीफा के सात अधिकारियों को ज्यूरिख के होटल में 28 मई को गिरफ्तार किया गया जबकि ब्लाटर दो दिन बाद पांचवीं बार फिर अध्यक्ष बने। इसके बाद ब्लाटर ने पद छोड़ने की घोषणा की लेकिन चुनाव होने के बाद ही ऐसा करने का ऐलान किया। उनके प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर सत्ता से चिपके रहने का आरोप लगाया था। प्लातिनी और चुंग ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप फीफा के भीतर से ही लगाये गए हैं ताकि वे अध्यक्ष पद पर काबिज ना हो सके।