वाराणसी: यूपी के वाराणसी में सोमवार को हुए लाठीचार्ज और आगजनी में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे है। दरअसल फोटो पत्रकार संजय गुप्ता ने इस घटना की जो तस्वीरें खींची है उसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वायरल हुए है। इन तस्वीर में झलक रहा है कि बवाल के दौरान पुलिस ने खुद ही गाड़ियों में आग लगाई थी।

वाराणसी में प्रतिकार यात्रा के दौरान आगजनी-पथराव के बाद हुए लाठीचार्ज और फायरिंग के बाद मंगलवार को व्हाट्सएप पर कुछ तस्वीरें वायरल हुई। इनमें पुलिसवाले एक जलती हुई बोरी को पास में खड़ी बाइक पर रखते दिखाई दे रहे हैं।

तस्वीरों के बारे में दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने ही जानबूझकर मीडियाकर्मियों की बाइक्स में आग लगाई। वाराणसी के फोटो पत्रकार संजय गुप्ता ने दावा किया है कि पुलिस ने फोटो लेने के दौरान उनके कैमरे को तोड़ने की कोशिश की। इस बीच संजय के दावों पर शहर के एसएसपी ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी। वहीं इस मामले पर डीजीपी ने कहा है कि तस्वीरों के वायरल होने की जांच की जा रही है।

 इससे पहले के घटनाक्रम में पुलिस ने कहा कि वाराणसी को हिलाकर रख देने वाली हिंसा सुनियोजित थी और लोगों के भड़कने के कारणों की जांच की जा रही है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने कहा कि हमारे पास यह कहने के लिए सबूत हैं कि यह सुनियोजित थी । लोग कैसे भड़के या उन्हें किसने भड़काया, इसकी जांच की जा रही है । कल हुई हिंसक घटनाओं में आठ पुलिसकर्मियों सहित 25 लोग घायल हो गए थे और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था । उन्होंने कहा कि विरोध रैली में भाग लेने वाले संतों का नाम मार्च के आयोजक के रूप में प्राथमिकी में है ।

हिंसा के सिलसिले में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया । हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था और पुलिस के कम से कम चार वाहनों, बूथ, आधा दर्जन मोटरसाइकिलों और कुछ दुकानों में आग लगा दी थी। प्रदर्शनकारियों ने देसी बम भी फेंके।